वहीं सीआईडी घटना के 12 दिन बाद दो संदिग्धों को गिरफ्तार करने में सफल रही थी. अधिकारियों के मुताबिक गृह मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि नन सामूहिक बलात्कार मामले की सीबीआई जांच के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की सिफारिश मिली और इसने खेद प्रकट किया.
अधिकारियों ने बताया कि फैसले के बारे में राज्य सरकार को बता दिया गया है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 19 मार्च को घोषणा की थी कि उनकी सरकार ने मामले की गंभीरता और संवदेनशीलता को देखते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की है और केंद्रीय जांच एजेंसी को जांच में सभी तरह के सहयोग व सहायता करने का भरोसा दिलाया है.
इस बीच, गुरुवार को गिरफ्तार किए गए दूसरे संदिग्ध गोपाल सरकार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया. उसे शुक्रवार को 14 दिनों की सीआईडी हिरासत में भेज दिया गया. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पापिया दास ने अभियोजन पक्ष की दलील से सहमत होते हुए उसे सीआईडी की हिरासत में देने का आदेश दिया. आरोपी सरकार पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 212 एवं 216 (a) (आरोपी को पूर्व में शरण देना) और 395 (डकैती), 397 (गंभीर चोट या मारने की कोशिश के साथ डकैती) और 376 (बलात्कार) के तहत मामले दर्ज किए गये हैं.
पहली गिरफ्तारी भी गुरुवार को मुंबई में ही हुई थी, जब मोहम्मद सलीम शेख उर्फ सलीम को तड़के पकड़ा गया. गिरफ्तार किए गए दोनों ही बांग्लादेशी नागरिक हैं. रानाघाट सबडिवीजन स्थित कांवेंट में लगे सीसीटीवी की फुटेज में चार लोग दिखें हैं, जो कथित तौर पर अपराध में शामिल थे. गिरोह स्कूल में घुस गया था और उनमें से तीन चार ने महिला से बलात्कार किया तथा लॉकर में रखे 12 लाख रुपये ले भागे.