अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने न्यूयार्क में ‘ग्राउंड जीरो’ के पास मस्जिद बनाने की पेशकश का पुरजोर समर्थन किया है. इसके पक्ष में तर्क देते हुए उन्होंने कहा है कि धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता अडिग है.
व्हाइट हाउस में अपनी तरफ से दिए गए इफ्तार भोज के मौके पर ओबामा ने कहा कि इस देश का एक नागरिक और राष्ट्रपति होने के नाते मैं एक बात साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि इस देश में मुस्लिमों को अपने धर्म का पालन करने का उतना ही अधिकार है जितना किसी अन्य व्यक्ति को. इसलिए स्थानीय व्यवस्था और नियमों के अनुसार उनको यह हक है कि लोवर मैनहट्टम में वे अपनी निजी संपत्ति से प्रार्थना का एक स्थान और एक सामुदायिक भवन बनाएं.
यह अमेरिका है और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर हमारी प्रतिबद्धता अडिग है. हमारी मान्यता है कि इस देश में हर धर्म के लोगों का स्वागत है और सरकार द्वारा किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया जाएगा.
ओबामा की तरफ से दिए गए इस इफ्तार भोज में मुस्लिम देशों के कई बड़े नेता, न्यायविद् और शिक्षाविद् उपस्थित थे. अमेरिका में भारतीय राजदूत मीरा शंकर उन गिने-चुने लोगों में से थीं जिन्हें इस भोज में शामिल होने का न्यौता मिला था.
अपनी बात के समर्थन में तर्क देते देते हुए ओबामा ने कहा कि 11 सितंबर का हमला हमारे देश के लिए काफी सदमा भरा था. उन लोगों के दुख दर्द की कल्पना भी नहीं की जा सकती है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया. इसलिए मैं समझ सकता हूं कि इसे लेकर विवाद की यह स्थिति क्यों पैदा हुई है.
‘ग्राउंड जीरो’ वाकई में पवित्र स्थान है. उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवाद और अल कायदा से है और हम आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई को जीतेगें. इसलिए नहीं कि हमारी सैन्य शक्ति मजबूत है बल्कि इसलिए कि यह हमारे मूल्यों की शक्ति है. हमारी क्षमता सिर्फ यह ही नहीं दिखाती कि हम सहनशील हैं बल्कि उन लोगांे की इज्जत भी करती है जो हमसे अलग हैं.