अमेरिका के ट्विन टावर पर हुए भीषण आतंकवादी हमले के गवाह रहे ‘ग्राउंड जीरो’ के पास मस्जिद बनाने का पूर्व में समर्थन कर चुके राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दोहराया है कि वह उस जगह पर इबादतगाह बनाने के प्रस्ताव को नहीं बल्कि अमेरिकी संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता के मुख्य मूल्य को अपना रहे हैं.
ओबामा ने एसबीसी न्यूज से साक्षात्कार में न्यूयॉर्क में ग्राउंड जीरो के पास मस्जिद बनाने को लेकर अपने हाल के बयान के बारे में पूछे जाने पर कहा ‘जैसा कि मैंने कहा कि मैं किसी खास परियोजना का समर्थन नहीं कर रहा हूं. मैं तो अपने संविधान के अनुरूप बात कर रहा हूं.’
उन्होंने कहा ‘‘मेरा मानना है कि व्हाइट हाउस में आयोजित इफ्तार पार्टी में मैंने जो कुछ कहा वह बिल्कुल साफ था. अगर आप उस जगह चर्च बना सकते हैं. अगर आप यहूदी पूजागृह या हिन्दू मंदिर बना सकते हैं, तो हम इस्लाम के मानने वालों के प्रति अलग बर्ताव कैसे कर सकते हैं. वे मुस्लिम जो अमेरिकी हैं, जो अमेरिका के नागरिक हैं.’’ उन्होंने कहा ‘‘यह हमारे अस्तित्व का मूल है. यह हमारे संविधान का मुख्य मूल्य है.’
ओबामा ने कहा कि देश का राष्ट्रपति होने के नाते अमेरिकी संविधान का पालन करना उनका फर्ज है. उन्होंने जोर देकर कहा ‘मेरा अपनी टीम के प्रति बहुत स्पष्ट रवैया है और अब मैं आपके प्रति भी ऐसा ही रुख अपना रहा हूं. हर अमेरिकी नागरिक के साथ समान व्यवहार करना हमारे संविधान का मूल सिद्धांत है और यह कभी नहीं बदलेगा.’
ओबामा ने कहा ‘‘उस इफ्तार पार्टी में मेरे साथ वे मुस्लिम लोग भी थे जिन्होंने इराक में हमारे लिये युद्ध लड़ा. उनमें से कुछ ने तो 20 साल से ज्यादा वक्त तक देश की सेवा की है. आप यह कैसे कह सकते हैं कि हमारे संविधान और सरकारी प्रणाली के तहत इस्लामी आस्था कम कीमती है.’ उन्होंने कहा ‘यह ऐसा मामला है जिसके बारे में मैं बहुत पुख्तगी से सोचता हूं. मैं दूसरों के जज्बात की कद्र करता हूं. मैं उनके अभिव्यक्ति के अधिकार का बचाव करता रहूंगा.’