अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा से पूर्व देश में अमेरिकी नेतृत्व की लोकप्रियता वर्ष 2008 के मुकाबले काफी नीचे चली गयी है. भारत में लोग ओबामा प्रशासन की पेशेवर वीजा फीस में वृद्धि किए जाने तथा आउटसोर्सिंग पर उसकी नीतियों को लेकर खासा नाराज हैं.
गालअप पोल द्वारा कल जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति की लोकप्रियता का ग्राफ वर्ष 2008 में 31 फीसदी के मुकाबले गिरकर वर्ष 2010 में 18 फीसदी हो गया है.
इसके विपरीत 7.5 अरब डालर की सहायता राशि संबंधी कैरी लुगार बर्मन विधेयक को मंजूरी दिए जाने और बड़े पैमाने पर बाढ़ राहत कार्यो में मदद के बाद पाकिस्तान में अमेरिकी नेतृत्व की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है जहां यह वर्ष 2008 में दस फीसदी के मुकाबले वर्ष 2010 में बढ़कर 18 फीसदी तक पहुंच गया है.
आउटसोर्सिंग के खिलाफ अपने अभियान को तेज करते हुए ओबामा ने हाल ही में कहा था कि उनका प्रशासन केवल उन्हीं कंपनियों को कर में लाभ प्रदान करेगा जो देश में रोजगार के अवसर पैदा करेंगी. यह एक ऐसा कदम है जो बड़े पैमाने पर भारतीय आईटी कंपनियों को प्रभावित कर सकता है.
ओबामा की नवंबर में होने वाली भारत यात्रा से पूर्व ओबामा प्रशासन एक विवादास्पद विधेयक लाया है जिसमें एच 1 बी और एल 1 वीजा फीस में वृद्धि की गयी है. यह कदम भारत के 50 अरब डालर से अधिक के आईटी उद्योग को आघात पहुंचाने वाला माना जा रहा है.
इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि जिन 18 एशियाई देशों में गालअप सर्वे कराया गया उनमें से भारत और पाकिस्तान में अमेरिकी नेतृत्व की सर्वाधिक कम लोकप्रियता दर दर्ज की गयी है. पाकिस्तान में ओबामा को नापसंद करने वालों की संख्या 68 फीसदी तो भारत में 72 फीसदी है.
जिन अन्य देशों में अमेरिकी नेतृत्व की लोकप्रियता दर कम दर्ज की गयी है उनमें वियतनाम, श्रीलंका, नेपाल और इंडोनेशिया भी शामिल हैं जहां सर्वे के दायरे में आने वाले लोगों में से आधे लोगों ने अपनी कोई राय जाहिर नहीं की लेकिन जिन्होंने ने भी अपनी राय जतायी उनमें से ओबामा प्रशासन को पसंद करने वालों की संख्या भी अच्छी खासी थी.
वर्ष 2008 के बाद से भारत, वियतनाम, नेपाल और इंडोनेशिया में अमेरिकी नेतृत्व को लेकर अनिश्चितता जाहिर करने वाले लोगों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है.
गालअप ने कहा है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही सर्वेक्षण के दायरे में आने वाले केवल ऐसे देश हैं जहां क्रमश: 68 और 54 फीसदी ने अमेरिकी नेतृत्व को नापसंद किया है. पिछले कई सालों में इन देशों में अमेरिकी नेतृत्व की लोकप्रियता घटती बढ़ती रही है.