सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेत्री मल्लिका शेरावत के खिलाफ 'अश्लील' और 'उत्तेजक' डांस करने के कारण दायर शिकायत पर वडोदरा की अदालत के सम्मन पर शुक्रवार रोक लगा दी. यह शिकायत करीब सात साल पहले एक होटल में हुए कार्यक्रम को लेकर दायर की गई थी जिसका प्रसारण तमाम टेलीविजन चैनलों ने किया था.
जस्टिस बी एच चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शेहरावत की याचिका पर सुनवाई के दौरान सम्मन पर रोक लगाने का आदेश दिया.
हाईकोर्ट ने दो मार्च को मल्लिका शेरावत को किसी प्रकार की राहत देने से इंकार करते हुये सम्मन निरस्त करने के लिये उनकी याचिका खारिज कर दी थी. यह सम्मन 2007 में वडोदरा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र तिवारी की आपराधिक शिकायत पर जारी किया गया था. इस बीच, वडोदरा की अदालत ने 8 जुलाई को मल्लिका शेहरावत के नाम जमानती वॉरंट जारी करते हुए उसे 19 अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया था.
तिवारी ने 12 जनवरी, 2007 को भारतीय दंड संहिता की धारा 294 (अश्लील गीत) और धारा 114 (किसी अन्य अपराध के लिये प्रेरित करना) सहित तमाम धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कराई थी. तिवारी ने मुंबई के एक पांच सितारा होटल में 31 दिसंबर, 2006 की रात शेहरावत के डांस के बाद यह शिकायत दायर की थी.
शिकायत में कहा गया था कि मल्लिका शेरावत का डांस अश्लील ही नहीं बल्कि उत्तेजक भी था. शिकायत में दावा किया गया था कि जब एक दर्शक ने मंच पर चढ़कर इस डांस को रोकने की कोशिश की तो आयोजकों ने कथित रूप से उसका मजाक उड़ाया.