ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि 43 साल में पहली बार आए फानी चक्रवाती तूफान ने राज्य में व्यापक नुकसान पहुंचाया है. एक बयान जारी कर उन्होंने कहा कि 150 सालों में ऐसा सिर्फ तीन बार ही हुआ जब इस तूफान ने ओडिशा के तट पर दस्तक दी है. उन्होंने कहा है कि ओडिशा और भुवनेश्वर में बिजली और पानी की सप्लाई पूरी तरह ठप हो चुकी है. हालात से निपटने के लिए सरकार ने 15 दिनों तक तूफान प्रभावितों को मुफ्त में खाना खिलाने का निर्णय लिया है. नवीन पटनायक ने बताया कि आपदा प्रभावित इलाकों में 5000 रसोईघरों में काम शुरू हो गया है.
सीएम नवीन पटनायक ने शनिवार को आपदा प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया और नुकसान का जायजा लिया. ओडिशा के रिलीफ कमिश्नर बिष्णपुद सेठी ने कहा कि फानी का असर तो खत्म हो गया है लेकिन पुरी, भुवनेश्वर में बड़ी मात्रा में तबाही हुई है. उन्होंने कहा कि पुरी जिले में कच्चे मकान और पुराने पक्के मकान तूफान में उड़ गए हैं.
Undertook an aerial survey of #CycloneFani affected areas of #Odisha. The devastation is unfathomable & unprecedented. Directed concerned agencies to step up coordinated relief operations pic.twitter.com/IIAHP52vDC
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) May 4, 2019
रबी फसल, नारियल के पेड़ बर्बाद
राज्य प्रशासन ने बताया कि फानी की वजह से रबी फसल, नारियल के पेड़ बर्बाद हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जानवरों के भी बड़ी संख्या में मारे जाने की खबर है. जिला स्तर पर अधिकारी नुकसान का जायजा ले रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक भुवनेश्वर में 20000 हजार पेड़ तूफान की चपेट में आकर गिर गए हैं. राज्य में मोबाइल और टेलिकम्यूनिकेशन सेवा पर भी असर पड़ा है. कई जगह पर सड़कें भी बह गई है. सीएम नवीन पटनायक ने कहा है कि कम्यूनिकेशन सेवा बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर काम किए जा रहे हैं.
10000 बिजली खंभे टूटे, 10000 ट्रांसफॉर्मर खराब
फानी चक्रवात ने बिजली सप्लाई की कमर ही तोड़ दी है. राज्य ऊर्जा सचिव हेमंत शर्मा ने कहा कि तकरीबन 30 लाख उपभोक्ता प्रभावित हुए हैं. पुरी, खुर्दा, गंजाम, जगतसिंहपुर, केंद्रापाड़ा और बालासोर जिले में बिजली सप्लाई शुरू करने की लगातार कोशिश की जा रही है.
भुवनेश्वर में बिजली के 10 हजार खंभे जमीन ये या तो उखड़ गए या फिर टूट गए. ऊर्जा सचिव ने कहा कि एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और अस्पताल जैसे अहम प्रतिष्ठानों में बिजली जल्द से जल्द सप्लाई करने की कोशिश की जा रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक 10000 हजार छोटे ट्रांसफॉर्मर खराब हो गए हैं. राज्य सरकार ने बिजली के खंभों के लिए स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया से संपर्क किया है.
24 घंटे में 10 लाख लोगों के रेस्क्यू का रिकॉर्ड
चक्रवाती तूफान फानी के दौरान राहत कार्यों की जानकारी देते हुए नवीन पटनायक ने कहा कि चक्रवात फानी गर्मियों में आने वाला एक असामान्य तूफान है. सीएम ने बताया कि राज्य में पहली बार 24 घंटों के भीतर 10 लाख 12 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का रिकार्ड बनाया गया है. उन्होंने दावा किया कि इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.
सीएम ने कहा "हालांकि, हमने हर मुसीबत से लड़ने के लिए अपने को तैयार कर रखा था. जिस वजह से हम इतिहास की सबसे बड़ी मानव निकासी कर सके. 10 लाख 12 हजार लोगों को 24 घंटे में सुरक्षित निकाला गया. 3 लाख 20 हजार गंजम और 1 लाख 30 हजार लोगों को पुरी से बचाया गया." बता दें कि तूफान की चेपट में आकर अबतक 16 लोगों की मौत हुई है, जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हैं.
6 मई को प्रधानमंत्री का दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा के हालात का जायजा लेने के लिए 6 मई को राज्य के दौरे पर जा रहे हैं. वायु सेना ने मानवीय मदद और आपदा राहत के लिए शनिवार को हिंडन एयर बेस से भुवनेश्वर के लिए तीन सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमान को भेजा है. इस विमान में चक्रवात फोनी से प्रभावित लोगों के लिए दवा सहित करीब 45 टन राहत सामग्री है. वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात फोनी के बारे में पहली चेतावनी मिलने के बाद से ही वायु सेना अभियान के लिए तैयार थी. जरूरत पड़ने पर तत्काल उड़ान के लिए विमानों को तैयार रखा गया था.
बांग्लादेश में अबतक 14 मौतें
भारत से बांग्लादेश पहुंचे फानी चक्रवात ने भयानक तबाही मचाई है. इस चक्रवात से अबतक कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 63 अन्य घायल हो गए. मीडिया में आई खबरों में यह दावा किया गया है.
बांग्लादेश के अधिकारियों ने कहा है कि 16 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है क्योंकि देश के तटवर्ती इलाकों में तटबंधों के टूटने के चलते करीब 36 गांवों में पानी भर गया है. समाचार एजेंसी भाषा ने बताया कि ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक ये मौतें नोआखली और लक्ष्मीपुर सहित आठ जिलों से दर्ज की गई हैं, जो चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. बागंलादेश के तटीय जिलों में इस चक्रवाती तूफान से सैकड़ों मकान नष्ट हो गए.