scorecardresearch
 

ओडिशा: 'गार्ड ऑफ ऑनर' में बदलाव, खास मौकों पर ही मिलेगा ये सम्मान

ओडिशा में अब विशेष अवसरों को छोड़कर मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और अन्य सरकारी अधिकारियों को 'गार्ड ऑफ ऑनर' नहीं दिया जाएगा. ओडिशा सरकार ने गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और उत्कल दिवस (ओडिशा दिवस) जैसे विशेष अवसरों को छोड़कर मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और अन्य सरकारी अधिकारियों को 'गार्ड ऑफ ऑनर' देने की परंपरा को खत्म कर दिया है.

Advertisement
X
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Source: ANI)
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Source: ANI)

Advertisement

ओडिशा में अब विशेष अवसरों को छोड़कर मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और अन्य सरकारी अधिकारियों को 'गार्ड ऑफ ऑनर' नहीं दिया जाएगा. ओडिशा सरकार ने गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और उत्कल दिवस (ओडिशा दिवस) जैसे विशेष अवसरों को छोड़कर मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और अन्य सरकारी अधिकारियों को 'गार्ड ऑफ ऑनर' देने की परंपरा को खत्म कर दिया है.

हालांकि भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, लोकायुक्त, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के मुख्य जजों के अलावा दोनों कोर्ट के अन्य जजों के लिए औपचारिक स्वागत की परंपरा जारी रहेगी.

भारत में गार्ड ऑफ ऑनर देने की परंपरा आजादी से चली आ रही है. विशेष अतिथियों, खासकर विदेशी नेताओं के सम्मान में भी गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है. ब्रिटिश आर्मी के समय परेड के दौरान सैन्य अधिकारियों को गार्ड ऑफ ऑनर देने की परंपरा थी. वहीं भारत ने आजादी के बाद जन प्रतिनिधियों को भी गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित करने की परंपरा अपनाई.

Advertisement

बता दें ओडिशा में नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजेडी सरकार ने गार्ड ऑफ ऑनर पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई है. राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीमकोर्ट व हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, जज, राज्यपाल, लोकायुक्त जैसे संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों को यह सम्मान दिया जाएगा.

Advertisement
Advertisement