दुर्भाग्यवश, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न कामकाजी महिलाओं के लिए एक आम समस्या है. देश में हर दिन किसी न किसी दफ्तर में कोई न कोई महिला इस समस्या से सामना करती है. कार्यस्थल पर कामकाजी महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के सबसे ज्यादा मामले बिहार में होते हैं. दूसरे स्थान पर दिल्ली और तीसरे पर महाराष्ट्र है. 2014 से लेकर 2016 के बीच देश के विभिन्न राज्यों में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के कुल 318 मामले दर्ज किए गए.
तमाम कानूनों और सख्त नियमों के बावजूद साल दर साल ये बढ़ते जा रहे हैं. 2014 में पूरे देश में ऐसे 57, साल 2015 में 119 और 2016 में 142 मामले सामने आए हैं. ये जानकारी महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में 19 जुलाई को दी.
कार्यस्थलों पर महिलाओं से सबसे ज्यादा यौन उत्पीड़न के मामलों वाले पांच राज्य
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 में प्रत्येक महिला के इस अधिकार को मान्यता दी गई है कि उसे नियोजन/कार्य स्थिति को ध्यान में रखे बिना कार्यस्थल पर सुरक्षित और संरक्षित वातावरण प्राप्त हो. इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि कार्यस्थलों पर ऐसे अपराध रोके जाएं.
यौन उत्पीड़न क्या है?
यौन उत्पीड़न में किसी प्रकार का अस्वीकार्य शारीरिक संपर्क, मांग या अनुरोध, अनुग्रह अथवा झुकाव के रूप में यौन प्रवृत्त व्यवहार; यौन रंजित टिप्पणी, दिल्लगी, अश्लील साहित्य दिखाना, यौन प्रकृति का कोई अन्य अस्वीकार्य शारीरिक, मौखिक अथवा गैर-मौखिक आचरण शामिल है.
निम्नलिखित परिस्थितियों में महिलाओं के साथ किया गया व्यवहार भी यौन उत्पीड़न की श्रेणी में आता है:
याद रखने योग्य बातें
कौन शिकायत कर सकता है?
पीड़ित महिला स्वयं शिकायत कर सकती है.
शारीरिक रूप से अक्षम होने परः उसका सगा-संबंधी, मित्र, सहकर्मी, राष्ट्रीय महिला आयोग अथवा राज्य महिला आयोग का अधिकारी, घटना की जानकारी रखने वाला कोई भी व्यक्ति, पीड़िता की लिखित सहमति से.
मानसिक रूप से अक्षम होने परः उसका सगा-संबंधी, मित्र, विशेष शिक्षक, अर्हता-प्राप्त मनो-चिकित्सक अथवा मनो-वैज्ञानिक, अभिभावक अथवा प्राधिकारी, जिसके देखभाल के अधीन पीड़ित का उपचार या देखभाल की जा रही है. घटना की जानकारी रखने वाला कोई व्यक्ति संयुक्त रूप से ऊपर उल्लिखित किसी व्यक्ति के साथ मिलकर. यदि किसी कारणवश महिला शिकायत दर्ज नहीं करा पाती है तो उसकी लिखित सहमति से घटना की जानकारी रखने वाला.
महिला की मृत्यु हो जाने परः घटना की जानकारी रखने वाला कोई व्यक्ति, मृत महिला के कानूनी उत्तराधिकारी की लिखित सहमति से. कानूनी उत्तराधिकारी.