एक तरफ तो रेलवे किराये बढ़ाकर अपना घाटा पूरा करने की तैयारी में है तो दूसरी ओर उससे जुड़े लोग ही उसे नुकसान पहुंचाने में लगे हुए हैं. ऐसा ही वाकया मुंबई सेंट्रल टर्मिनस में देखने को मिला.
राजधानी एक्सप्रेस में तैयार खाने की सप्लाई करने वाली गाड़ी स्टेशन के बाहर जा रही थी कि एक पुलिस वाले की उस पर नज़र पड़ गई और उसने उसे ले जाने वालों को पकड़ा. ऐसा अंदाजा है कि राजधानी एक्सप्रेस का खाना चुराकर आसपास की दुकानों में बेच दिया जाता है. यह खबर मुंबई मिरर अखबार ने दी है.
अखबार के मुताबिक खाना ले जाने वाली ट्रॉली कार इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) की है. यह संगठन ही राजधानी एक्सप्रेस में खाना सप्लाई करता है. यह खाना सेंट्रल किचन में तैयार करके इसी ट्रॉली से ट्रेन में लादा जाता है और इसे स्टेशन परिसर से बाहर ले जाने की इजाजत नहीं है. यह बैटरी से चलती है और खाना लाने-जाने के काम में आती है.
सोमवार की सुबह मुंबई सेंट्रल टर्मिनस स्टेशन के बाहर मेन रोड पर नायर हॉस्पिटल जंक्शन के पास यह जा रही थी कि पुलिस के सीनियर इंसपेक्टर राजेन्द्र त्रिवेदी ने उसे देख लिया. उन्होंने उसे रोक कर जब पूछताछ की तो ड्राइवर और उसके साथी ने कहा कि वे गाड़ी का टायर ठीक कराने लाए हैं. लेकिन ट्रॉली कार में खाना भरा हुआ था. उसे देखकर त्रिवेदी को शक हो गया और उसके बाद उन्होंने अग्रीपाड़ा पुलिस स्टेशन में खबर दी. उन दोनों को हिरासत में ले लिया गया.
रेल अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि खाने से भरी यह ट्रॉली वहां कैसे पहुंची. वे यह भी पता लगा रहे हैं कि क्या यह खाना बेचा जाने वाला था?
राजधानी एक्सप्रेस में रोज 2200 लोगों का खाना भरा जाता है. IRCTC के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने खाना बनाने का ठेका एक प्राइवेट कॉन्ट्रैक्टर को दे दिया है. अगर वह खाना बेचता है तो उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है.