पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोलियम सब्सिडी कम करने की दिशा में एक अनूठी पहल की है. वे खुद विशिष्ट व्यक्तियों, मंत्रियों और नेताओं को फोन करके सब्सिडी वाला सिलेंडर छोड़ने की गुजारिश कर रहे हैं.
धर्मेंद्र प्रधान हर दिन एक वीआईपी को फोन करके उनसे सब्सिडी वाला सिलेंडर लेना बंद करने का अनुरोध कर रहे हैं. पेट्रोलियम मंत्री बनने के बाद प्रधान ने खुद भी सस्ती दर पर रसोई गैस लेना बंद कर दिया. तब से वह बाजार दर पर ही सिलेंडर खरीद रहे हैं.
धर्मेंद्र प्रधान चाहते हैं कि सब्सिडी वाला ईंधन सिर्फ जरूरतमंद व्यक्ति को ही मिलना चाहिए. उनके आग्रह पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सस्ता गैस सिलेंडर लेना बंद कर दिया. शनिवार को अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भी ऐसा ही किया.
बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर जारी संदेश में कहा कि उन्होंने भी सब्सिडी वाला एलपीजी कनेक्शन वापस कर दिया है. उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि अमीर और सुविधा-संपन्न लोग जो बाजार मूल्य पर एलपीजी खरीद सकते हैं, उन्हें स्वेच्छा से सब्सिडी वाले सस्ते दाम पर गैस सिलेंडर लेना बंद कर देना चाहिए.'
कई राजनेताओं और नौकरशाहों ने सब्सिडी वाला एलपीजी सिलिंडर का उपयोग बंद कर दिया है. उपभोक्ताओं को इस समय सालभर में 14.2 किलो के सब्सिडी वाले 12 गैस सिलेंडर मिलते हैं. उपभोक्ता बड़े सिलेंडर के स्थान पर पांच किलो वाले 34 सिलिंडर भी सस्ती दर पर ले सकते हैं. दिल्ली में सब्सिडी वाला 14.2 किलो का सिलिंडर फिलहाल 417 रुपये में उपलब्ध है, जबकि पांच किलो के छोटे सिलिंडर की कीमत 155 रुपये है. दूसरी तरफ 14.2 किलो वाले सिलेंडर का बाजार मूल्य 708.50 रुपये और पांच किलो के सिलेंडर का 351 रुपये है. ऐसे में सब्सिडी वाला सस्ता सिलेंडर छोड़ने से सरकार को इन पर दी जाने वाली सब्सिडी की बचत होगी.
पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने एलपीजी पर 46,458 करोड़ रुपये सब्सिडी दी थी. प्रधान ने सांसदों, विधायकों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के कार्यकारियों से एक बार फिर सब्सिडी वाला छोड़ने का आग्रह किया है. सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने मौजूदा एलपीजी ग्राहकों को सब्सिडी वाले गैस कनेक्शन को बिना सब्सिडी वाले कनेक्शन में तब्दील करने का विकल्प दिया है. गैस सिलेंडर वितरक को या फिर mylpg.in पर लिखित आग्रह भेजकर सब्सिडी वाला सिलेंडर छोड़ा जा सकता है. एलपीजी उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सब्सिडी को सीधे उनके बैंक खातों में डालने के लिये भी प्रयास तेज किए गए हैं.
प्रधान ने कहा, 'एलपीजी की डायरेक्ट कैश ट्रांसफर की योजना 'पहल' के लिए काफी बेहतर प्रतिक्रिया मिली है. योजना को 15 नवंबर फिर से शुरू किया गया. अब तक 15.5 करोड़ एलपीजी ग्राहकों में से 7.63 करोड़ ग्राहकों को 'पहल' योजना से जोड़ा गया है. हम रोजना एक प्रतिशत ग्राहकों को सीधे बैंक खातों में सब्सिडी पहुंचाने की योजना से जोड़ रहे हैं.'
घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं को 'पहल' योजना से जुड़ने पर उनके बैंक खातों में 568 रुपये मिलेंगे. बैंक खाते में राशि मिलने पर ग्राहक को सिलेंडर बाजार मूल्य पर खरीदाना होगा. प्रधान ने कहा कि सरकार ने अगले दो महीने में 70-75 प्रतिशत आबादी को इस दायरे में लाने का लक्ष्य रखा है.
-इनपुट भाषा से