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ओला, उबर के ड्राइवर क्या उनके कर्मचारी हैं, उच्च न्यायालय करेगा फैसला

क्या एप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली ओला और उबर के ड्राइवर या चालक इन कंपनियों के कर्मचारी हैं? दिल्ली उच्च न्यायालय में आज यह सवाल उठा.

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यह मुद्दा ड्राइवरों की यूनियन ने उठाया था
यह मुद्दा ड्राइवरों की यूनियन ने उठाया था

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क्या एप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली ओला और उबर के ड्राइवर या चालक इन कंपनियों के कर्मचारी हैं? दिल्ली उच्च न्यायालय में आज यह सवाल उठा. उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर केंद्र का रख जानना चाहा है. न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने केंद्र सरकार के अलावा दिल्ली सरकार, उबर और ओला नाम से कैब सेवाएं देने वाली एएनआई टेक्नोलॉजीज को भी नोटिस दिया है और इस पर 10 अगस्त तक उनका जवाब मांगा है. यह मुद्दा ड्राइवरों की यूनियन ने उठाया था.

दिल्ली कमर्शियल ड्राइवर यूनियन ने आरोप लगाया था कि दोनों कंपनियां ड्राइवरों के साथ अपने कर्मचारी की तरह बर्ताव नहीं कर रही हैं और उनका शोषण कर रही हैं. यूनियन का दावा है कि डेढ़ लाख ड्राइवर उसके सदस्य हैं.

यूनियन ने अपनी याचिका में कहा कि वेतन और सेवा शर्तों के मामले में ड्राइवरों का शोषण किया जा रहा है. उन्हें दुर्घटना या मृत्यु के मामलों में मुआवजे जैसे लाभों से वंचित किया जा रहा हैं.

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