जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) लागू किया गया है. पिछले 6 महीनों से दोनों नेताओं को नजरबंद किया गया है. अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही दोनों पूर्व मुख्यमंत्री हिरासत में हैं. वहीं पीएसए लागू होने के साथ ही दोनों नेताओं को बिना ट्रायल के तीन महीने की जेल भी हो सकती है.
सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं पर सीआरपीसी की धारा 107 के तहत पीएसए में केस दर्ज किया गया है. पीएसए के मुताबिक दोनों नेताओं को बिना किसी ट्रायल के 3 महीने जेल की सजा हो सकती है. इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर और पीडीपी नेता सरताज मदनी पर पीएसए लगाया गया था. इन दोनों नेताओं को एमएलए हॉस्टल से गुपकर स्थिक एम5 में भेज दिया गया. नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक और नेता बशीद अहमद वीरी को भी एमएलए हॉस्टल से हटाकर श्रीनगर स्थित जवाहर नगर इलाके में उनके आधिकारिक आवास में भेज दिया गया.
Jammu & Kashmir: National Conference’s General Secretary Ali Mohammad Sagar and senior PDP leader Sartaj Madni also detained under Public Safety Act (PSA). Both these leaders are under detention since 5th August. https://t.co/5ag1b10y3g
— ANI (@ANI) February 6, 2020
प्रशासन के इस फैसले पर पीडीपी के प्रवक्ता मोहित भान ने कहा, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के खिलाफ पीएसए लगाए जाने की पीडीपी कड़ी आलोचना करती है. प्रवक्ता ने कहा, अगर सरकार का विरोध करने पर मुख्यधारा के नेताओं पर मुकदमे होते हैं तो यह लोकतंत्र की हत्या है.
इससे पहले खबर आई थी कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को उनके घरों में शिफ्ट किया जाएगा. जम्मू-कश्मीर सरकार के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक इस सप्ताह के अंत तक दोनों नेताओं को उनके घरों में भेज दिया जाएगा. हालांकि सूत्रों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि जम्मू-कश्मीर के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को हिरासत में रखा जाएगा या नहीं. दरअसल, अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से दोनों नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था.
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