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उमर अब्दुल्ला का बयान ‘अक्षम्य भारी भूल’: आडवाणी

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने जम्मू कश्मीर के विलय पर राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के विवादास्पद बयान की कड़ी आलोचना करते हुए इसे एक ‘अक्षम्य भारी भूल’ करार दिया है.

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने जम्मू कश्मीर के विलय पर राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के विवादास्पद बयान की कड़ी आलोचना करते हुए इसे एक ‘अक्षम्य भारी भूल’ करार दिया है.

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पूर्व उप प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वास्तव में इतिहास रच डाला है. इससे पहले राज्य के किसी और मुख्यमंत्री ने यह कहने से परहेज नहीं किया था कि जम्मू कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न अंग है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उमर ने ऐसा करने के लिये न केवल भाजपा को चिढ़ाया है, बल्कि इससे बढ़कर दावा किया कि जम्मू कश्मीर का भारत में विलय नहीं हुआ था, बल्कि इसे सम्मिलित किया गया था. उमर अब्दुल्ला के इस बयान पर राज्य के अलगाववादियों और पाकिस्तानी मीडिया ने जमकर खुशी मनाई.’’ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘वास्तविकता यह है कि हैदराबाद और जूनागढ़ समेत 500 से अधिक देशी रियासतें भारत की स्वतंत्रता के बाद उसके अभिन्न हिस्सा हो गये और उन्होंने जम्मू कश्मीर की तरह ही विलय पत्र पर हस्ताक्षर किया था.’’

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पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘न केवल भाजपा ने, बल्कि पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी से लेकर वर्तमान विदेश मंत्री एस एम कृष्णा समेत देश के प्रत्येक नेता ने जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग माना है. भारतीय संसद ने भी इसे देश का अभिन्न अंग करार दिया है.’’{mospagebreak}

अडवाणी ने कहा, ‘‘उमर अब्दुल्ला के ताजा बयान से यह साबित हो गया है कि वे न केवल प्रशासनिक रूप से असफल हुए हैं, बल्कि जम्मू कश्मीर के मामले में वे देश के विचारों से अलग राय रखते हैं. वे जितना जल्दी इस्तीफा दे देंगे, वह देश और राज्य के लिये बहुत अच्छा है. उनकी इस भूल को क्षमा नहीं किया जा सकता है.’’ आडवाणी ने विभिन्न ऐतिहासिक तथ्यों और संवैधानिक उपबंधों के आधार पर यह सिद्ध किया कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. आडवाणी ने उमर से सवाल किया कि भाजपा संवैधानिक बातें कह रही, तो आपको क्यों परेशानी हो रही है ?

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