भारत और ब्रिक्स के अन्य देशों में हाल में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा करते हुए पांच देशों के इस शक्तिशाली समूह ने रविवार को सभी देशों से कहा कि वे अपने जमीन से 'आतंकवादी गतिविधियों' को रोकें. ब्रिक्स ने साथ ही इस आतंकवाद की बुराई से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए भारत समर्थित वैश्विक संधि का संयुक्त राष्ट्र से जल्द अनुमोदन का आह्वान किया.
पीएम मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा जोर-शोर से उठाया
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका वाले ब्रिक्स के वाषिर्क सम्मेलन में मंजूर घोषणापत्र में सभी देशों का आह्वान किया गया है कि वे आतंकवाद, हिंसक अतिवाद, कट्टरपंथ, भर्ती, विदेशी और अन्य
आतंकवादियों की गतिविधियों और आतंकवाद के वित्तपोषण के स्रोतों को बाधित करने में एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाएं. समूह ने सभी देशों से कहा कि वे साथ मिलकर काम करें जिससे कि 'अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर
समग्र समझौते' (सीसीआईटी) का अनुमोदन संयुक्त राष्ट्र में बिना किसी और देरी के हो सके.
सम्मेलन के अंत में जारी गोवा घोषणापत्र में कहा गया, 'हम भारत सहित कुछ ब्रिक्स देशों के खिलाफ हाल में हुए कई आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा करते हैं. हम आतंकवाद की उसके सभी स्वरूपों के साथ कड़ी निंदा करते हैं और इस बात पर जोर देते हैं चाहे जो भी हो किसी भी आतंकवादी कृत्य को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता. चाहे यह किसी विचारधारा, धार्मिक, राजनीतिक, नस्ली, जातीय या किसी भी कारण पर आधारित क्यों न हो.' इसमें कहा गया, 'हम इससे सहमत हैं कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग मजबूत होना चाहिए जिसमें द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मंच दोनों ही स्तर शामिल हैं.'
आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का आधार सिर्फ अपराध को बनाए जाने पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'आतंकवादियों को वित्तपोषण, उनको हथियारों की आपूर्ति, प्रशिक्षण और राजनीतिक सहयोग को व्यवस्थित तरीके अपना कर खत्म किया जाना चाहिए.' उन्होंने कहा कि आतंकवादियों और संगठनों को लेकर भेदभावपूर्ण रूख सिर्फ अनुपयोगी नहीं होगा, बल्कि इसके विपरीत परिणाम होंगे.
आतंकवाद को लेकर चीन के रवैये पर भारत को ऐतराज
प्रधानमंत्री का यह बयान मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने पर चीन की ओर से 'रोक' लगाए जाने की पृष्ठभूमि में आया है. अजहर पठानकोट वायुसेना अड्डे पर आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है.
ब्रिक्स की नेताओं की उपस्थिति में मोदी ने कहा, 'इस पर सहमति बनी है कि जो हिंसा और आतंकवाद की ताकतों को पालते-पोसते हैं, शरण देते हैं, समर्थन और प्रायोजन देते हैं वे हमारे लिए उतना ही खतरा पैदा करते
हैं जितना आतंकवादी पैदा करते हैं.' प्रधानमंत्री ने कहा, 'जिस दुनिया में आज हम रहते हैं वहां अगर हमें अपने नागरिकों के जीवन को सुरक्षित करना है तो आतंकवाद विरोधी सहयोग जरूरी है. हमारे विकास और आर्थिक
समृद्धि पर आतंकवाद का बड़ा साया है'. उन्होंने कहा कि इसकी पहुंच अब वैश्विक हो गई है. पुतिन और शी जिनपिंग के साथ शनिवार को अपनी द्विपक्षीय मुलाकातों में पीएम मोदी ने पाकिस्तान की धरती से पैदा
होने वाले आतंकवाद पर भारत की चिंताओं को पुरजोर ढंग से रखा था.
ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी स्थापित पर सहमति
पांच देशों का समूह ब्रिक्स ने बाजार उन्मुख सिद्धांतों पर आधारित एक स्वतंत्र साख एजेंसी स्थापित करने पर भी सहमति जताई. उसने कहा कि इससे वैश्विक स्तर पर कामकाज का ढांचा मजबूत होगा. आठवें ब्रिक्स
शिखर सम्मेलन के बाद संयुक्त बयान में कहा गया है, 'हम वैश्विक स्तर पर कामकाज के ढांचे को और मजबूत करने के लिये विशेषज्ञों द्वारा बाजार उन्मुख सिद्धांतों पर आधारित एक स्वतंत्र ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी
स्थापित करने की संभावना टटोलने का स्वागत करते हैं'.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बयान में कहा, 'वैश्विक वित्तीय ढांचे में अंतर को और पाटने के लिए हम ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी स्थापित करने में तेजी लाने में सहमत हुए हैं.' ब्रिक्स सदस्य देश अपने वित्त पोषण की जरूरतों को पूरा करने के लिये पहले ही नव विकास बैंक स्थापित कर चुके हैं. यह बैंक पिछले साल परिचालन में आया, इससे पहले ब्रिक्स समूह द्वारा नई रेटिंग एजेंसी गठित करने की वकालत करते हुए नव विकास बैंक के अध्यक्ष के वी कामत ने तीन बड़ी वैश्विक रेटिंग एजेंसियों फिच, मूडीज और स्टैंडर्ड एंड पूअर्स के रेटिंग तय करने के तौर-तरीकों को लेकर चिंता जताई और कहा कि उनके नियम उभरते देशों में वृद्धि के रास्ते की बाधा हैं'. भारतीय निर्यात आयात बैंक ने भी ब्रिक्स देशों के लिए स्वतंत्र रेटिंग एजेंसी की पुरजोर वकालत की थी.
यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के समापन से पहले सदस्य देशों से 2020 तक अपने बीच के व्यापार को बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का आह्वान किया. पीएम मोदी ने कहा, '2015 में ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार 250 अरब ड\लर का था, हमें इसे 2020 तक बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखना चाहिए.'