ब्रिटेन के केयर्न एनर्जी ने तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को फिर सूचित किया है कि भारतीय इकाई में बहुलांश हिस्सेदारी वेदांता रिसोर्सेज को बेचने से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का पहले इनकार के अधिकार का मामला नहीं आता.
सूत्रों के अनुसार 21 अक्टूबर के ओएनजीसी के पत्र का जवाब देते हुए केयर्न ने 29 अक्टूबर को लिखा है कि केयर्न इंडिया की 40 से 51 फीसद हिस्सेदारी बेचने का फैसला कंपनी सौदा है और इसीलिए इसमें सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का पहले इनकार का अधिकार का मामला नहीं बनता.
इस बारे में संपर्क किये जाने पर केयर्न एनर्जी के प्रवक्ता ने कहा, ‘मौजूदा प्रक्रिया के तहत केयर्न इस बात की पुष्टि कर सकता है कि उसने ओएनजीसी को पत्र दिया है. केयर्न इस सौदे को पूरा करने के लिये आवश्यक मंजूरी लेने के प्रति प्रतिबद्ध है.’ प्रवक्ता ने इस बारे में और कुछ भी विस्तार से बताने से मना कर दिया.