आंतरिक सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर अब सिर्फ गृह मंत्रालय ही टिप्पणी करेगा. सरकार ने इस विषय में अपने ही मंत्रियों और अधिकारियों की ओर से इस बारे में दिए जाने वाले तरह तरह के बयानों पर रोक लगाने के उद्देश्य से यह फैसला किया है.
कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर ने शनिवार को सभी मंत्रियों और सचिवों को पत्र लिख कर स्पष्ट किया है कि आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों पर अब से सिर्फ गृह मंत्रालय ही बयान देगा क्योंकि इसके लिए वही नोडल मंत्रालय है. सरकार ने यह कदम थलसेना और वायुसेना के प्रमुखों सहित विभिन्न मंत्रियों की सर्वाजनिक टिप्पणियों के बाद उठाया है.
दंतेवाड़ा में नक्सली हमले के एक दिन बाद गृह मंत्री पी चिदंबरम ने नक्सल विरोधी अभियान में वायुसेना के शामिल किए जाने की संभावना जतायी थी जबकि वायुसेना प्रमुख पी वी नाइक ने उसी दिन कहा था कि वह ऐसे विचार के पक्ष में नहीं हैं.
इसी प्रकार थल सेना प्रमुख वी के सिंह ने कहा कि जिस प्रकार दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ ने अभियान चलाया उसमें ‘आतंरिक चूक’ हुई और संबंधित बटालियन को सेना से प्रशिक्षण नहीं मिला था. चिदंबरम ने परोक्ष रूप से इन टिप्पणियों का खंडन किया वहीं गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर दंतेवाड़ा अभियान में शामिल सीआरपीएफ कर्मियों को दिए गए प्रशिक्षण को रेखांकित किया.