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राम रहीम के ही हाथ में रहेगी डेरा सच्चा सौदा की कमान: जसमीत इंसां

डेरे की यह महत्वपूर्ण बैठक माता नसीब कौर की अध्यक्षता में हुई है. सारे परिवार ने यह फैसले पूर्ण सहमति से लिए हैं. बताया जा रहा है कि मीटिंग करीब 15 मिनट चली है. मीटिंग के बाद सारे लोग खाना खाने के लिए चले गए और हरमिंदर जस्सी वापस बठिंडा चले गए.

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डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह

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डेरा सच्चा सौदा में आगे की रणनीति और डेरे के संचालन के लेकर एक महत्वपूर्ण हई. मीटिंग में तीन अहम फैसले लिए गए... पहला फैसला गुरु गद्दी पर डॉ. राम रहीम ही रहेंगे और केयरटेकर डॉक्टर पियार नयन और विपासना इंसा ही रहेंगी. अगर पुलिस विपासना और डॉक्टर नयन को गिरफ्तार करती है उस स्थिति में गुरदास अलवारा और जसमीत इंसा मिलकर डेरा की देखभाल संभालेंगे.

दूसरा फैसला 4 नवंबर को कार्तिक महकी पूर्णमासी है, उस दिन गुरु नानक जयंती है, उसी दिन शाह मस्ताना जी का जन्मदिन है. शाह मस्ताना जी डेरा के संस्थापक हैं. उनका जन्मदिन मनाने का विचार है. अगर प्रशासन इजाजत देगा तो बुधवार सुबह प्रशासन से मिलकर नाम चर्चा की इजाजत मांगेंगे. अगर प्रशासन इजाजत नहीं देता तो सारी सत्संग से नम्र निवेदन है कि अपने अपने घरों में बैठकर नाम सिमरन करें और शाह मस्ताना जी को अपनी श्रद्धांजलि भेंट करें अपने गुरू को याद करें.

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तीसरा फैसला मामले के खिलाफ आए फैसले पर आगे हाईकोर्ट में अपील करेंगे गुरदास हलवारा के जिम्मे लगाया गया है कि आप सारे केसों की पैरवी करेंगे और सारा मैटर सीरियसली परिवार को बताया करेंगे.

डेरे की यह महत्वपूर्ण बैठक माता नसीब कौर की अध्यक्षता में हुई है. सारे परिवार ने यह फैसले पूर्ण सहमति से लिए हैं. बताया जा रहा है कि मीटिंग करीब 15 मिनट चली है. मीटिंग के बाद सारे लोग खाना खाने के लिए चले गए और हरमिंदर जस्सी वापस बठिंडा चले गए.

जानकारी के मुताबिक जसमीत इंसा कुछ जिम्मेदार लोगों के साथ बुधवार को प्रशासन के लोगों से मिलकर नाम चर्चा की इजाजत लेंगे. गुरदास अलवारा ने कहा कि अगर इजाजत नहीं मिलती है तो इसका मतलब 25 जनवरी को शाह सतनाम जी के जन्मदिन पर भी इजाजत नहीं मिलेगी. अगर परमिशन नहीं मिलती है तो हम कोर्ट जाएंगे क्योंकि धर्म-कर्म करना हमारा मौलिक अधिकार है और परमिशन ना मिलना हमारे मौलिक अधिकारों का हनन है. इसलिए हम कोर्ट का रास्ता अख्तियार करेंगे. लेकिन यह रास्ता 25 जनवरी के लिए होगा क्योंकि अब 4 नवंबर के लिए कुछ नहीं हो सकता.

मंगलवार शाम को डेरा सच्चा सौदा की ओर से जारी हुई प्रेस रिलीज में जसमीत इंसां के हवाले से कहा गया है कि गुरमीत राम रहीम इंसां ही डेरा सच्चा सौदा के गद्दीनशीन हैं और वे ही रहेंगे. पढ़िए प्रेस रिलीज...

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25 अगस्त को जो दुखदायी घटना घटित हुई. उक्त घटनाक्रम से पीड़ित निर्दोष लोगों के साथ मेरी सहानुभूति है. इस पूरे घटनाक्रम से मेरे हद्य को बहुत ज्यादा कष्ट हुआ है, इससे अभी मैं उभर भी नहीं पाया था कि कुछ दिन से टीवी व समाचार पत्रों में मनघढ़त प्रचार और पूज्य गुरू जी की गुरूगद्दी के संबंध में साध-संगत व समाज में शरारती तत्वों ने दुष्प्रचार फैलाना शुरू कर दिया, उसका मुझे बेहद दुख है.

सन् 1948 में शाह मस्ताना जी महाराज ने डेरा सच्चा सौदा का पौधा रोपित किया व जिसकी आगे बागडोर परम संत शाह सतनाम जी महाराज को सौंपी गई. जिन्होंने अपने प्रेम व वात्सल्य से डेरा सच्चा सौदा रूपी परोपकारी पौधे को पाला व बड़ा किया. सन् 1990 में समस्त साध-संगत के सामने शाह सतनाम सिंह जी महाराज ने अपना वारिस बनाते हुए पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसां को रूहानियत के दर डेरा सच्चा सौदा की बागडोर सौंप दी. तब से रूहानियत व मानवता भलाई कार्य की लहर चलाकर पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसां ने 133 मानवता भलाई के कार्य कर देश व समाज की भलाई की है. उस पावन गुरूगद्दी के बारे में मनगढ़ंत कहानियां फैलाए जाने से मुझे बहुत ज्यादा आघात लगा है. इस कठिन घड़ी में भी समस्त साध-संगत डेरा सच्चा सौदा के साथ यहां ना केवल चट्टान की तरह मजबूती से खड़ी है, वहीं मानवता भलाई के कार्यों को बदस्तूर जारी रखे हुए है. मेरे गुरू जी व पिता एकदम सच्चे व निर्दोष हैं, मुझे पूरी उम्मीद है कि जल्द ही माननीय उच्च न्यायालय से हमें इंसाफ मिलेगा व गुरू जी हमारे बीच होंगे और मानवता भलाई के कार्यों को आगे बढ़ाएंगे. पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसां डेरा सच्चा सौदा की गुरूगद्दी पर आसीन हैं और वही रहेंगे. अत: जो लोग भ्रामक व झूठा प्रचार कर रहे हैं उनसे मेरी अपील है कि मानवता भलाई के कार्यों को फैलाएं. गुरूगद्दी की मेरी कभी इच्छा नहीं रही और ना ही मैं कभी ऐसा सोच सकता हूं. डेरा सच्चा सौदा की मैनेजमेंट व साध-संगत पूज्य गुरू जी की पावन प्रेरणा व मार्गदर्शन पर सेवा कार्य करते रहेंगे.

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