मुख्यमंत्री ओमन चांडी को मंगलवार को केरल हाईकोर्ट ने राहत प्रदान करते हुए एक पीठ के दो विवादास्पद संदर्भो पर रोक लगा दी. विवादित संदर्भ पिछले सप्ताह एकल सदस्यीय पीठ ने दिए थे.
अदालत ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री का यह अनिवार्य कर्तव्य है कि वह लोगों को यह बताएं कि निजी कर्मचारियों का चयन करते समय उन्होंने बुद्धि का इस्तेमाल क्यों नहीं किया.
विपक्षी वामपंथी दल ने चांडी के खिलाफ झंडा बुलंद कर रखा है और उनसे इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. सोमवार को महाधिवक्ता के.पी. दंडपाणि ने सरकार की ओर से न्यायमूर्ति के. एम. जोसफ की खंडपीठ में एक अर्जी दायर की.
मंगलवार सुबह खंडपीठ ने दंडपाणि का पक्ष सुना. दंडपाणि ने कहा कि चांडी को सुने बगैर एकल सदस्यीय पीठ का यह संदर्भ अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.
दोपहर में खंडपीठ ने दोनों संदर्भो पर रोक लगा दी लेकिन यह भी जोड़ा कि सीबीआई जांच जारी रहेगी. संयोग से चांडी ने खुद ही कहा था कि उनके पूर्व सुरक्षाकर्मी की संलिप्तता वाले भूमि सौदे की जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी.