मलेशिया में गर्भवती किशोरियों के लिए अपनी किस्म का पहला स्कूल स्थापित किया गया है जिसमें पहले बैच में पांच किशोरियों ने पंजीकरण कराया है.
अपने परिजनों के साथ आयी ये अविवाहित गर्भवती किशोरियां 16 से 17 आयु वर्ग की हैं और इनकी गर्भावस्था की दूसरी तिमाही चल रही है.
ये सभी कल मलक्का राज्य में स्थित ‘स्कूल ऑफ होप’ में पंजीकरण कराने के लिए आयी थीं.
इस स्कूल की परिकल्पना मलक्का के मुख्यमंत्री मोहम्मद अली रूस्तम ने तैयार की थी जो चाहते थे कि किशोरियां सामाजिक कलंक झेले बिना अपनी पढ़ाई जारी रख सकें और ‘‘अवैध संतानों ’’ को बेसहारा छोड़ने की बढ़ती प्रवृति पर भी रोक लगायी जा सके.
न्यू स्ट्रेट्स टाइम्स ने मुख्यमंत्री के हवाले से लिखा है, ‘बिन ब्याही किशोरियों के गर्भवती होने की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है और समस्या पर पर्दा डालने से बेहतर है कि हम इस संकट के बदतर होने से पहले इसके समाधान की दिशा में कदम उठाएं.’
अवैध संतानों को कचरे के ढेर में छोड़ देने, नदी में फेंकने या गलियों में जिंदा और मुर्दा छोड़ने की बढ़ती घटनाओं से चिंतित होकर मुख्यमंत्री को यह विचार आया था.
अकेले इस वर्ष अब तक राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार के 70 मामले सामने आ चुके हैं और अली के अनुसार, अधिकतर ऐसे मामलों में मुस्लिम लड़कियां शामिल होती हैं.