दिल्ली के अलग-अलग विभागों में जारी रिश्वतखोरी का सच सामने लाने वाले आजतक के स्टिंग 'ऑपरेशन आम आदमी' का असर हुआ है. दिल्ली सरकार ने आजतक के कैमरे पर पकड़े गए रिश्वत लेने वाले तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. इसके अलावा पूरे मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो से कराने का फैसला किया गया है.
दिल्ली ने सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड के वाटर एनालिसिस विनोद कुमार, कापसहेड़ा के पटवारी सुनील कुमार और मीटर रीडर अतुल प्रकाश को सस्पेंड कर दिया है. इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस खुलासे के लिए आजतक चैनल को बधाई भी दी है.
दरअसल, आज हमने खुलासा किया था कि दिल्ली जलबोर्ड के चीफ वाटर एनालिसिस विनोद कुमार ने वाटर सैंपल पास करने के लिए हर महीने 50 हजार रुपये घूस मांगा. आजतक के कैमरे पर रिश्वत लेते हुए उनकी तस्वीर भी कैद है.
वहीं, साउथ वेस्ट दिल्ली के डीसी दफ्तर में पटवारी पद पर कार्यरत सुनील कुमार ने आजतक के रिपोर्टर से एक जमीन की फर्द के कागज निकलवाने के लिए 500 रुपये लिए थे. लेकिन सच यह है कि फर्द निकलवाने के लिए सिर्फ 5 रुपये ही देने पड़ते हैं.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली जल बोर्ड के सेवा आपूर्ति तंत्र को दुरुस्त बनाने के लिए विशिष्ट निर्देश जारी किए थे और इसी के आलोक में ये तबादले किए गए हैं. अधिकारियों ने कहा, 'सेवा प्रदान करने की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 800 अधिकारियों के स्थानांतरण का आदेश दिया गया.'
डीजेबी में स्थानांतरण की पहल 28 दिसंबर को केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के पश्चात दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ देबाशीष मुखर्जी को हटाये जाने के 10 दिन बाद सामने आई है. डीजेबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'वैसे सभी अधिकारी जो पिछले तीन वर्षों से एक ही स्थान पर काम कर रहे थे, उनका स्थानांतरण कर दिया गया है.'