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Opinion: आप की जीत से बीजेपी को भी फायदा

आम आदमी पार्टी की ऐतिहासिक जीत ने सभी को हैरान कर दिया. किसी ने भी ऐसा नहीं सोचा था कि पार्टी इस तरह से कांग्रेस ही नहीं बीजेपी का भी खात्मा कर देगी. दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस का सूपड़ा तो साफ हुआ ही, बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा.

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दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीती
दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीती

आम आदमी पार्टी की ऐतिहासिक जीत ने सभी को हैरान कर दिया. किसी ने भी ऐसा नहीं सोचा था कि पार्टी इस तरह से कांग्रेस ही नहीं बीजेपी का भी खात्मा कर देगी. दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस का सूपड़ा तो साफ हुआ ही, बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा. पार्टी महज तीन सदस्यों तक सिमट गई. केजरीवाल की इस नई पार्टी ने दशकों पुरानी पार्टी को राजनीति का सबक सिखा दिया. अब उनकी जीत और बीजेपी की हार का विश्लेषण लंबे समय तक चलता रहेगा. कई तरह के कारण ढूंढ़े जाएंगे और कई तरह की थ्योरी दी जाएगी.

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बीजेपी की हार के लिए पार्टी के बड़े नेताओं की नुक्ताचीनी होती रहेगी. कई विश्लेषक तो यह मान बैठे हैं कि पार्टी की विजय का मार्ग अब अंत के करीब है. तमाम बातें एक तरफ. सच्चाई यह है कि बीजेपी को इस हार में भी अपनी जीत देखनी चाहिए. यह खतरे की घंटी थी जो समय पर बज गई. पार्टी को अब चेत जाना चाहिए. उसे अपने तौर-तरीकों के बारे में गौर करना होगा और आत्मचिंतन करना होगा कि आखिर क्या गलत हुआ. पार्टी को बिहार और बंगाल में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना होगा और इसके लिए जरूरी है कि वह अपनी गलतियों से सबक ले. इस चुनाव में उसने बहुत सारी गलतियां की और एक-एक करके उनका उसे विश्लेषण करना होगा.

कोई भी राजनीतिक दल सिर्फ अपने नेताओं के बूते चुनाव नहीं जीतती, अगर वह जीतती है तो अपने प्रतिबद्ध और जमीनी कार्यकर्ताओं के बल पर. उनका पूरा सहयोग और उनकी प्रतिबद्धता पार्टी को मजबूत बनाती है. यह बात आम आदमी पार्टी की इस जीत ने फिर साबित किया. लेकिन इस बार दिल्ली के चुनाव में बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं की बहुत उपेक्षा की. उनकी बातें नहीं सुनी गई और सारे आदेश ऊपर से आते रहे. टिकटों के बंटवारे में दल-बदलुओं को जगह दी गई और कार्यकर्ताओं का आत्म बल गिरता गया. लगा कि पार्टी कोई राजनीतिक दल न होकर कोई कंपनी है जिसे उसका सीईओ चला रहा है. यह पार्टी के लिए घातक साबित हुआ. यह चुनाव पार्टी को आत्म चिंतन का बेहतरीन मौका दे रहा है. अगर वह ऐसा करती है और आगे उस पर काम करती है तो कोई वज़ह नहीं कि वह बेहतर प्रदर्शन न करे.

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