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Opinion: कश्मीर में आतंकी हमले

कश्मीर एक बार फिर आतंकियों के टारगेट पर है. महज 12 घंटे में वहां तीन हमले सुरक्षा बलों और पुलिस पर हो चुके हैं. इनमें 8 सुरक्षाकर्मी भी मारे जा चुके हैं जो एक बड़ी संख्या है. सबसे बड़ी बात है कि शहीद होने वालों में एक लेफ्टिनेंट कर्नल भी हैं. यह दुखद है कि सेना का एक बड़ा अधिकारी भी आतंकियों के हमले में मारा गया. लेकिन यह हमले बहुत हैरान करने वाले नहीं हैं क्योंकि पिछले कुछ समय से आतंकियों के निशाने पर कश्मीर आ गया है.

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कश्मीर एक बार फिर आतंकियों के टारगेट पर है. महज 12 घंटे में वहां तीन हमले सुरक्षा बलों और पुलिस पर हो चुके हैं. इनमें 8 सुरक्षाकर्मी भी मारे जा चुके हैं जो एक बड़ी संख्या है . सबसे बड़ी बात है कि शहीद होने वालों में एक लेफ्टिनेंट कर्नल भी हैं. यह दुखद है कि सेना का एक बड़ा अधिकारी भी आतंकियों के हमले में मारा गया. लेकिन यह हमले बहुत हैरान करने वाले नहीं हैं क्योंकि पिछले कुछ समय से आतंकियों के निशाने पर कश्मीर आ गया है. वहां की शांति आतंकियों और उनके आकाओं को रास नहीं आ रही थी. वे नहीं चाहते कि कश्मीर पहले की तरह खुशहाल रहे और वहां के लोग भारत के प्रति अपनापन दिखाएं.

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पाकिस्तानी फौज और आईएसआई के लिए यह प्रॉक्सी वॉर का बहुत बड़ा मैदान है. ये दोनों जानते हैं कि भारत के साथ सीधी लड़ाई में वे बुरी तरह से मात खा जाएंगे और इसलिए वे कश्मीर में प्रॉक्सी वॉर करते रहते हैं. उनके सिखाए-पढ़ाए आतंकी पहाड़ों के पीछे से भारत में घुसते हैं और बम-गोलियां बरसाते हैं और फिर कुत्तों की तरह मारे जाते हैं. यह खेल वर्षों से चल रहा है. हालांकि कुछ समय पहले ऐसा लगने लगा था कि इसमें कमी आ रही है.

सीमा पर पाकिस्तानी गोलीबारी का जबर्दस्त जवाब देकर भारत ने पाकिस्तान को शांत तो कर दिया लेकिन आईएसआई भला कब मानने वाली है. उसके पाले-पोसे आतंकी भारत की सीमा में घुसने और गोलाबारी करने से बाज नहीं आते. इस बार तो जैसे कि रिकॉर्ड ही टूट गया. धुआंधार गोलीबारी में हमारे कई जवान शहीद हो गए हैं.

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अब समस्या यह है कि इस तरह की आतंकी कार्रवाई का सामना कैसे किया जाए. छुपकर वार करने वालों का मुकाबला करना बड़ा मुश्किल होता है. वे धोखे से वार करते हैं और न्याय-अन्याय की बातें नहीं सोचते. उनकी लिए इंसानी जिंदगी की कोई कीमत नहीं है. अब भारत को यह लड़ाई अकेले लड़नी है और इसका डटकर मुकाबला करना है. इसके लिए एक रणनीति बनानी होगी और खास किस्म के हथियार भी मंगाने होंगे. हमें सीमा पर निगरानी और बढ़ानी होगी और इसका तरीका है कि सेना तथा सुरक्षा बलों को आधुनिक हथियारों से लैस किया जाए. इसके अलावा सरकार को इस बात का फैसला करना ही होगा कि अब सख्त से सख्त कार्रवाई करनी होगी. पाकिस्तान सरकार बेशक कुछ भी कहे, भारत को ऐसे कड़े कदम उठाने होंगे कि आतंकियों का भारत में आने की बात भी सोचने में भी डर लगे. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय आज भारत के साथ है और उसे कठोर कदम उठाने के बारे में जरा भी हिचकना नहीं चाहिए.

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