स्पीड, स्किल, स्टैमिना और स्ट्रेंथ- ये चारों गुण चाहिए, तब आप पानी से भरी कृत्रिम घास पर सुपरफास्ट हॉकी खेल सकते हैं. विजेता बनने के लिए इन चारों नैसर्गिक गुणों को पहले जीतना होगा.
भारतीय हॉकी के सुपर स्टार सरदारा सिंह के भीतर वो सब कुछ है जो एक वर्ल्ड क्लास एथलीट में होना चाहिए. वो गति में मिल्खा सिंह है, स्किल में रोनाल्डो, स्टैमिना में मैराथन रेसर और स्ट्रेंथ में सलमान खान के 'बाप'. बिना चर्बी वाले सुपरमैन का बदन कैसा होता है कभी सरदारा सिंह के सिक्स पैक्स ऐब वाली फोटो नेट पर देखिएगा.
अतिशयोक्ति नहीं है, लेकिन दमखम में अगर सरदारा से मुकाबला हो जाए, तो इस चीते के आगे शाहरुख खान से लेकर धोनी तक के मुंह से झाग निकल जाएगी. जिस पानी से भरे एस्ट्रोटर्फ पर सरदारा गति के साथ हॉकी के करतब दिखाते हैं, उस रेत से भारी टर्फ पर शाहरुख खान दस मिनट नही दौड़ पाएंगे. ये सच है कि आज के दौर में सरदारा सिंह और उनकी टीम के कई खिलाड़ी वर्ल्ड क्लास एथलीट का एंड्योरेंस लेवल यानी दम रखते हैं. उन्हें 16 साल बाद एशियाई विजेता बनने पर बधाई.
सरदारा सिंह की इतनी तारीफ क्यों? क्या सरदारा की आड़ में कहीं मे धोनी या शाहरुख पर अपनी भड़ास तो नही निकाल रहा? बिलकुल नहीं. शाहरुख सिनेमा के सुपरस्टार हैं. धोनी ने क्रिकेट में भारत के परचम को बुलंद किया है. लेकिन सरदारा और उनकी टीम जिन परिस्थितयों में जीत हासिल कर रही है वो धोनी की जीत से बहुत बड़ी है.
हॉकी और हॉकी के खिलाडियों की जो दुर्दशा है, उस पर फिर कभी लिखूंगा, पर इतना जिक्र आज जरूरी है कि जो खिलाड़ी घर लुटाकर देश के लिए खेले, वो ही देश का सच्चा खिलाडी है. रुपये और थैलियों के लिए तो तवायफ नाचती है.
सरदारा को सलाम. सरदारा के जज्बे को सलाम.