झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा ने काले धन को सफेद करने, राज्य के कोष का गलत इस्तेमाल करने और विदेशों में निवेश के आरोपों को खारिज करते हुए इसे उनकी छवि धूमिल करने की ‘‘राजनीतिक विरोधियों’’ की साजिश करार दिया है.
कोडा ने किया आरोपों का खंडन
कोडा ने कहा, ‘‘मुझे इन आरोपों की जानकारी मीडिया में आयी खबरों से मिली. मैं पूरी तरह इसका खंडन करता हूं. मैने भारत में अथवा विदेशों में कोई निवेश नही किया है.’’ प्रवर्तन निदेशालय ने कोडा के खिलाफ कथित रूप से काले धन को सफेद करने, राज्य के कोष का गलत इस्तेमाल करने और विदेशों में बड़े पैमाने पर धन का निवेश करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है. इसमें लाइबेरिया में खदान खरीदने का भी अरोप शामिल है.
मेरी छवि को गंदा करने का प्रयास
कोडा ने कहा, ‘‘इस मामले में कोई तथ्य नहीं है. यह शिकायत राजनेता के रूप में केवल मेरी छवि को गंदा करने के लिए की गयी है. निर्दलीय होने के बावजूद मैने राजनीति में एक पहचान बनायी है.’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मेरे राजनीतिक विरोधी राजनीति में मेरे उत्थान को रोकना चाहते हैं.’’ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ऐसे पहले मुख्यमंत्री और उंचे रसूख वाले नेता हैं जिनके खिलाफ धन शोधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
प्रवर्तन निदेशालय के साथ पूरा सहयोग करूंगा
कोडा के साथ आठ अन्य लोगों को भी इसमें आरोपी बनाया गया है. इनमें से तीन उनके कैबिनेट के सहयोगी रह चुके हैं. प्रवर्तन निदेशालय के मामले को उन्होंने ‘‘राजनीतिक विरोधियों द्वारा की गयी राजनीतिक साजिश’’ करार दिया. उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय से इस मामले में उन्हें कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं इसकी व्याख्या करूंगा और प्रवर्तन निदेशालय के साथ मामले में सहयोग करूंगा. मुझे देश के कानून पर पूरा भरोसा है.’’