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महागठबंधन के पास मोदी विरोध के अलावा कोई मुद्दा नही: प्रधानमंत्री

पीएम ने कहा कि भाजपा विकास और सुशासन के मुद्दे पर चुनाव लड़ती है. हमारी सरकार ने आर्थिक, सुरक्षा, सामाजिक न्याय और विदेश नीति के मापदंड पर अच्छा प्रदर्शन किया है. जिसकी वजह से हमें अन्य राज्यों के चुनावों मे ऐतिहासिक बहुमत मिला. इसलिए हमें विश्वास है कि जनता एक बार फिर हम पर भरोसा करेगी. वहीं आज के होने वाले गठबंधन राष्ट्रहित से नही बशर्ते निजी स्वार्थ और राजनीति से प्रेरित हैं और उनके पास मोदी के विरोध के अलावा कोई मुद्दा नहीं है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फाइल फोटो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फाइल फोटो

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हाल के दिनों में देश के बदलते राजनितिक परिदृश्य का गौर से अवलोकन करें तो एक बात स्पष्ट होती है कि केंद्र की मोदी सरकार को आगामी लोकसभा चुनाव में चुनौती देने के लिए विपक्ष प्रतिबद्ध है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को त्यागते हुए मोदी सरकार के खिलाफ बन रहे इस महागठबंधन की धुरी बनने के प्रयास में है.

राजनीतिक विश्लेषक संयुक्त विपक्ष के इन प्रयासों की तुलना कभी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ खड़े हुए एकजुट विपक्ष से करते हैं तो कभी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ बने गठबंधन से करते हैं.

ऐसे में एक मैगजीन को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि उनके खिलाफ बनने वाले महागठबंन के पास मोदी को हटाने के अलावा कोई दूसरी कार्ययोजना नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि 1977 और 1989 के समय के संयुक्त विपक्ष की तुलना उनके खिलाफ बन रहे महागठबंधन से करना एक गलत अवधारणा है. क्योंकि 80 से दशक में एकजुट विपक्ष के सामने लोकतंत्र को बचाए रखने की चुनौती थी, वहीं 1989 में देश को चौंका देने वाला बोफोर्स घोटाला था.

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प्रधानमंत्री मोदी का कहना है भाजपा विकास और सुशासन के मुद्दे पर चुनाव लड़ती है. हमारी सरकार ने आर्थिक, सुरक्षा, सामाजिक न्याय और विदेश नीति के मापदंड पर अच्छा प्रदर्शन किया है. जिसकी वजह से हमें अन्य राज्यों के चुनावों मे ऐतिहासिक बहुमत मिला. इसलिए हमें विश्वास है कि जनता एक बार फिर हम पर भरोसा करेगी. वहीं आज का होने वाला गठबंधन राष्ट्रहित से नहीं बशर्ते निजी स्वार्थ और राजनीति से प्रेरित है और उनके पास मोदी के विरोध के अलावा कोई मुद्दा नहीं है.

वहीं महागठबंधन में कांग्रेस की भूमिका पर किये गए एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि देश की जनता को ये जरूर जानना चाहिए कि कांग्रेस गठबंधन की राजनीति के बारे में क्या सोचती है? प्रधानमंत्री मोदी ने 1998 में पचमढ़ी में हुई कांग्रेस की उस बैठक का जिक्र किया जिसमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि गठबंधन की राजनीति अब बीते दौर की बात हो गई है और वहीं इस बैठक में देश पर एक पार्टी के राज को लेकर आकांक्षा जाहिर की गई थी.

कांग्रेस के इस घमंड का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री आगे कहते हैं कि आज वही कांग्रेस सहयोगियों की खोज में एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है. दरअसल कांग्रेस अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. हर गठबंधन को एक ऐसे दल की जरूरत होती है जिसकी छतरी के नीचे अन्य दल इकट्ठा हो पाएं. लेकिन आज कांग्रेस की हैसियत किसी क्षेत्रीय दल से ज्यादा नहीं है.

प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि देश की जनता जानती है कि कांग्रेस सहयोगियों से किस तरह का बर्ताव करती है. कांग्रेस ने चौधरी चरण सिंह, एच डी देवगौड़ा, समाजवादी नेता चंद्रशेखर और वी पी सिंह के साथ कैसा बर्ताव और धोखा दिया था इसे सब भली-भांति जानते हैं. कांग्रेस निजी स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.

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