संसद का बजट सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है. बजट सत्र से पहले विपक्ष ने संकेत दे दिए हैं कि पिछले सत्र की तरह इस बार भी वो सरकार के लिए मुश्किलें पैदा करेगी. यानी संसद के बजट सत्र के पहले भाग के भी हंगामेदार रहने के आसार हैं.
चुनावी राज्यों को लेकर ना हो घोषणा
सत्र शुरू होने से एक दिन पहले सरकार और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने साफ कहा कि अगर सरकार बजट में चुनावी राज्यों के लिए लुभावनी घोषणाएं करती है
तो उसका असर पूरे सत्र की कार्रवाई पर पड़ेगा.
पीएम मोदी ने की सहयोग की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में विपक्ष से संसद चलाने के लिए सहयोग की अपील की. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय में हमारे बीच कुछ मतभेद हो सकते हैं. लेकिन संसद महापंचायत है. इसे सुचारु रूप से काम करना
चाहिए.
विपक्ष ने किया बजट सत्र का विरोध
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने बैठक में कहा कि सरकार को केंद्रीय बजट समय से पहले नहीं बुलाना चाहिए क्योंकि अर्थव्यवस्था के पूरे आंकड़ें दूसरी तिमाही के वक़्त आते हैं. पहले बजट पेश करने से सही आंकलन नहीं
लग पाएगा. येचुरी के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय और चुनाव आयोग ने इस विषय पर पहले ही अपना फैसला सुना दिया है. अनंत कुमार ने कहा, 'बजट इस साल भी वैसे ही
पेश किया जाएगा जैसे पहले किया जाता था. सरकार का प्रयास होगा कि बजट का सभी को लाभ मिले और देश आगे बढ़े.
इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार को बजट सत्र समय से पहले नहीं बुलाना चाहिए था. आजाद ने कहा, 'हमने सरकार से कहा है कि उन्हें बजट सत्र बुलाने के बारे में ऐसी घोषणा से बचना चाहिए था जो पांच राज्यों में चुनाव के दौरान समान अवसर उपलब्ध कराने को प्रभावित करता हो और अगर सरकार ने ऐसा किया तो इसका असर पूरे सत्र पर पड़ेगा.
बजट के दिन संसद का बहिष्कार करेंगे TMC सांसद
बैठक में तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना नहीं पहुंची. तृणमूल कांग्रेस ने सत्र के पहले दो दिन संसद की कार्रवाई का बायकाट करने का ऐलान किया और कहा कि पार्टी नोटबंदी और उसके सांसदों पर सीबीआई कार्रवाई का
मुद्दा उठाएगी.