नोटबंदी पर सरकार को घेरते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला. आजाद ने पीएम मोदी के पाकिस्तान की सरप्राइज विजिट पर भी निशाना साधा.
आजाद ने कहा कि हम सर्जिकल स्ट्राइक का स्वागत करते हैं लेकिन बड़े नोटों को बंद करने का फैसला सही नहीं था. छोटे-छोटे दुकानदार और गरीब लोग परेशान हो रहे हैं. सरकार की गलत पॉलिसी की वजह से लोग मर रहे हैं. जो भी सरकार और उसकी नीतियों पर सवाल उठाते हैं, वो उन्हें एंटी नेशनल ठहरा देते हैं. गुलाम नबी आजाद ने उरी हमले को लेकर सरकार को सदन में इन 6 बातों से नॉक आउट कर दिया.
1. पाकिस्तान की फायरिंग से हम मरते आएं.
2. आपको तो चूहों ने भी नहीं काटा.
3. आप तो वहां शादियों में जाते हैं.
4. हमने तो वहां के लोगों की शक्लें नहीं देखी है.
5. आप उनकी दावतें खाते हो.
6. आप नवाज शरीफ से दोस्ती करते हो.
इसी बीच राज्यसभा में बिरयानी खाना बंद करो के नारे गूंजने लगे. वहीं गुलाम नबी आजाद के बयान के बाद संसद में वैंकेया नायडू के चेंबर में बीजेपी की बैठक शुरू हुई. बैठक में अनंत कुमार, प्रकाश जावड़ेकर, मुख्तार अब्बास नकवी शामिल हुए. इस बैठक में तय किया गया है कि गुलाम नबी आजाद से उनके बयान के लिए सफाई मांगी जाए और सदन से माफी भी मांगे.
हालांकि संसद में नोटबंदी पर बहस में कांग्रेस नेता गुलाम नबी के बयान पर बवाल छिड़ गया. बिन पैसे मौत और उरी हमले को लेकर विवादित बोल में सरकार गुलाम नबी से माफी की मांग पर अड़ गई है. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के नेता भी प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने की मांग पर अड़े हैं.
गौरतलब हो कि गुरुवार को शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत हंगामेदार रही. विपक्षी सदस्य सदन का कार्य स्थगित करके तत्काल चर्चा कराने की मांग कर रहे थे. सरकार ने कहा कि यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है हालांकि विपक्षी दल कार्यस्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे. इस विषय पर अपनी मांग के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल, अन्नाद्रमुक के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे.