शीतकालीन सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने कालेधन के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों ले लिया है. राज्यसभा में बुधवार को अल्पकालिक चर्चा के दौरान जेडीयू नेता शरद यादव ने दावा ठोंकते हुए कहा कि सरकार कालेधन की एक फूटी कौड़ी तो दूर खरगोश तक वापस नहीं ला सकती, वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन में जवाब दिया कि कालाधन खातेदारों पर सरकार फिलहाल कोई खुलासा नहीं करने जा रही है. जेटली ने कहा कि समझौते की वजह से चार्जशीट दाखिल होने के बाद ही नाम सामने आएंगे.
विदेशी बैंकों से कालाधन वापस लाने के लिए सरकार के सही मार्ग पर चलने का दावा करते हुए वित्त मंत्री ने आज कहा कि 427 खाताधारकों की पहचान कर ली गई है और उनमें से 250 ने बैंक खाता होने की बात स्वीकार भी ली है. जेटली ने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार कालाधन रखने वाले लोगों का सक्रियता से पीछा करेगी और अंतिम खाते की पहचान हो जाने तक वह शांत नहीं बैठेगी. हालांकि विदेशों में जमा कालेधन को वापस नहीं लाने के बारे में डेडलाइन नहीं बताए जाने और वित्त मंत्री के जवाब पर अंसतोष जाहिर करते हुए कांग्रेस, वाम, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने सदन से वाकआउट भी किया.
100 दिन में कालाधन वापसी का वादा
इससे पूर्व विपक्ष ने सरकार को याद दिलाया कि बीजेपी के नेता 100 दिनों के भीतर कालेधन को वापस लाने के बात कह रहे थे. वित्त मंत्री ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि विदेश में रखे कालेधन को लाने की प्रक्रिया में समय लगेगा. कालेधन के बारे में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि गोपनीयता के प्रावधान के कारण विदेशी खाता धारकों के नामों का खुलासा नहीं किया जा सकता है. बशर्ते अदालत में उनके खिलाफ अभियोजन चल रहा हो. उन्होंने 627 खाताधारकों की एचएसबीसी सूची का जिक्र करते हुए कहा कि उनमें से 427 की पहचान हो चुकी है, जिनमें 250 लोगों ने बैंक खाता होने की बात स्वीकार ली है. इससे सरकार का काम आसान हो गया है.
वित्त मंत्री ने दावा किया कि पिछली सरकारों ने जो किया, उससे कहीं ज्यादा मौजूदा सरकार ने 100 दिनों में किया है. जेटली ने कहा, 'आगामी हफ्तों में उन लोगों के सिलसिले में और अभियोजन कार्रवाई की जाएगी, जिनके नाम एचएसबीसी सूची में गैर कानूनी खाता रखने के कारण आए हैं. हम सीखने की प्रक्रिया में हैं. सरकार सही रास्ते पर चल रही है भले ही इसमें थोड़ा अतिरिक्त समय लगे.' वित्त मंत्री ने आगे कहा कि इन लोगों का पीछा करने में सरकार बेहद सक्रिय है. यह ऐसी प्रक्रिया है जिसमें समय लगेगा, लेकिन यह त्रुटिहीन प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि मई में कैबिनेट की पहली ही बैठक में सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का फैसला किया, जबकि यह प्रस्ताव जुलाई 2011 से लंबित था.
जल्द आएगी एसआईटी की रिपोर्ट
जेटली ने कहा कि सरकार ने कालेधन से संबंधित सभी दस्तावेज एसआईटी को सौंप दिए हैं. एसआईटी इस माह के अंत तक अपनी दूसरी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप देगी. खाताधारकों के नामों का खुलासा करने की मांग पर उन्होंने कहा कि सवाल नामों के खुलासा करने का नहीं बल्कि इसका है कि कब और कैसे उनका खुलासा किया जाए. उन्होंने कहा कि समय से पहले नामों का खुलासा करने से खाता धारकों को लाभ मिलेगा, क्योंकि इसके कारण संबंधित देश सूचनाएं मुहैया कराने से मना कर देंगे.
जेटली ने कहा कि सरकार नामों का खुलासा कर आत्महत्या वाले रास्ते पर नहीं जाएगी. उन्होंने कहा, 'हमें नामों का खुलासा बेहद सोच समझकर और विवेकपूर्ण ढंग से करना होगा. भारत ने 92 दोहरा कराधान निषेध संधियों पर हस्ताक्षर किए हैं. इनमें से रोमानिया को छोड़कर अन्य सभी देशों के साथ की गई संधियों में गोपनीयता का प्रावधान है. भारत कालेधन की समस्या से निबटने के मकसद से सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के लिए किए जा रहे वैश्विक प्रयासों में अग्रणी पंक्ति में है.' वित्त मंत्री ने आगे कहा कि ये प्रयास जी-20, ओईसीडी और फैटका (विदेशी खाता कर अनुपालन कानून) जैसे विभिन्न मंचों पर किए गए हैं. सरकार ने स्विस बैंकों के खतधारकों के बारे में जानकारी लेने के लिए स्विटजरलैंड के साथ विचार विमर्श भी किया था.