नोटबंदी के एक महीने पूरे होने पर विपक्ष के सभी दलों ने सर्वसम्मत से गुरुवार को काला दिवस मनाने का निर्णय लिया है. गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों के सभी सांसद सुबह 10 बजे संसद परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के सामने जुटकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. विरोधस्वरूप सभी सांसद काली पट्टी बांधकर रखेंगे. बुधवार दोपहर को विपक्षी दलों की बैठक में यह निर्णय लिया गया. इसमें 14 राजनीतिक दलों के सांसदों ने हिस्सा लिया. इसके पहले विपक्षी दलों के संयुक्त मोर्चे के करीब 200 सांसदों ने गांधी प्रतिमा के समक्ष जमा होकर प्रदर्शन किया.
सरकार और विपक्ष के बीच नहीं बनी बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गत 8 नवंबर को 500 और 1000 के नोटों का प्रचलन बंद कर दिया गया था. इसके बाद लगातार तीसरे हफ्ते संसद में नोटबंदी को लेकर दोनों सदनों में गतिरोध जारी है. 'पीएम माफी मांगो' जैसी नारेबाजी के बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता एल के आडवाणी ने भी सदन में कामकाज ना चलने पर नाराजगी जताई . उसके बाद ही सरकार और विपक्ष के बीच बातचीत की कवायद एक बार फिर शुरू हो गई है. बीजेपी नेता अनंत कुमार और राज्य सभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद की आपस में बातचीत हुई है. कोशिश थी कि बीच का रास्ता निकाला जाए.
विपक्षी दलों ने सुबह एक बैठक कर यह तय किया था कि यदि सरकार के रुख में कुछ नरमी दिखी तो कुछ सकारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं, लेकिन सरकार के रुख में कोई बदलाव न होता देख दोपहर को फिर हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि गुरुवार को काला दिवस मनाया जाए और कांग्रेस के नेतृत्व में सभी दल विरोध प्रदर्शन करें. यानी कल भी संसद में कामकाज होने की संभावना कम ही है और विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहेगा. नोटबंदी के बाद इसके पहले भी विपक्ष ऐसी एकजुटता दिखा चुका है और तब भी करीब 200 सांसदों ने प्रदर्शन किए थे.