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आज से संसद का शीतकालीन सत्र, विपक्ष में होगा समाजवादियों का 'नया' गुट, बीमा विधेयक पर घिरेगी सरकार

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू होगा जो 23 दिसंबर तक चलेगा. महीने भर चलने वाले संसद के इस सत्र में कुल 22 बैठकें होंगी, जिसमें चार दिन गैर सरकारी कामकाज के लिए निर्धारित किए गए हैं.

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संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू होगा जो 23 दिसंबर तक चलेगा. महीने भर चलने वाले संसद के इस सत्र में कुल 22 बैठकें होंगी, जिसमें चार दिन गैर सरकारी कामकाज के लिए निर्धारित किए गए हैं.

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एक नजर इस सत्र की पांच अहम बातों पर-

1. बीमा बिल, जीएसटी और काला धन पर चढ़ेगा पारा
बीमा विधेयक में बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 26 से 49 फीसदी किए जाने का प्रावधान है. वाम दल, टीएमसी, जेडीयू, आरजेडी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने बीमा बिल के खिलाफ एकजुट होने का फैसला लिया है. इन दलों ने कांग्रेस से भी समर्थन मांगा है. राज्य सरकारों ने गुड्स एंड सर्विस बिल पर भी नाराजगी जाहिर की है. इसके अलावा कालाधन का मुद्दा भी संसद का शीत सत्र हंगामेदार बना सकता है. शीत सत्र में कांग्रेस ने लंबित पड़े महिला आरक्षण बिल, महंगाई, काला धन समेत बारह मुद्दे उठाने का फैसला लिया है. शिवसेना ने कहा कि केंद्र में सरकार के साथ है लेकिन पार्टी महाराष्ट्र के सूखे का मुद्दा उठाएगी. छह महीने के कार्यकाल में केंद्र सरकार की ओर से दो अध्यादेशों को लागू किया था. कोल माइन्स (स्पेशल प्रोविजन्स) ऑर्डिनेंस 2014 और टेक्सटाइल अंडरटेकिंग्स (नेश्नलाइजेशन) लॉज ऑर्डिनेंस, 2014 लाए गए थे. संसद में इन दोनों की जगह विधेयक पेश किए जाएंगे ताकि अध्यादेश लैप्स ना कर जाए.

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2. विपक्ष में नजर आएगी समाजवादियों की नई टीम
पिछले दिनों समाजवादी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल (सेक्युलर) ने एक बैठक में हाथ मिलाने का फैसला किया था. यह समूह कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार को घेरने की तैयारी में है.

3. हर मुद्दे पर बहस को तैयार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया है कि वह हर मुद्दे पर बहस को तैयार हैं. उन्होंने सांसदों को पूरी तैयारी के साथ संसद में पेश होने का निर्देश दिया है.

4. संसद में 67 विधेयक लंबित हैं
इनमे से 9 विधेयकों को पिछले सत्र के दौरान पेश किया गया था. वहीं 40 बिल ऐसे हैं जिन्हें पिछली 15वीं लोकसभी के दौरान लाया गया था. इसके अलावा 18 लंबित विधेयकों को पहले की लोकसभा के दौरान संसद के पटल पर रखे गए थे, और वो आज भी धूल फांक रहे हैं. इनमें से 11 बिल स्वास्थ और परिवार कल्याण संबंधी हैं. मेंटल हेल्थ केयर बिल, 2013 और एचआईवी (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) बिल, 2014 अहम हैं. लंबित बिलों में से 9 मजदूर और रोजगार क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. पिछले सत्र में पेश हुए फैक्टरीज अमेंडमेंड बिल, 2014 के अलावा चाइल्ड लेबर (प्रोहिबिशन एंड रेगुलेशन) बिल 2012 लंबित हैं.

5. राज्यसभा में शून्यकाल से शुरू होगी कार्यवाही, 12 बजे से प्रश्नकाल
शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में प्रश्नकाल सुबह 11 से 12 बजे की जगह अब दोपहर 12 से 1 बजे तक होगा.इस बदलाव के चलते अब सदन की कार्यवाही की शुरुआत 11 बजे प्रश्नकाल की बजाय शून्यकाल से होगी, जो 12 बजे तक चलेगी. शून्यकाल के तहत सदस्य लोक महत्व के मुद्दे उठाते हैं. संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से होती है और अक्सर सदस्यों के हंगामे के चलते चर्चा बैधित हो जाती है. हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ने साफ किया है कि लोकसभा के कामकाज के समय में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं. साल 2011 में भी राज्यसभा के प्रश्नकाल में तब्दिली लाई गई थी. तब 2 बजे से 3 बजे तक का वक्त सवाल पूछने के लिए तय किया गया था. हालांकि कुछ ही दिनों में इस फेरबदल को वापस ले लिया गया था.

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केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के बाद यह पहला सत्र है. इस दौरान विपक्ष के गर्म तेवर के बीच तमाम लंबित बिलों को पास करना मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है.

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