वैज्ञानिकों ने पहली बार वनमानुष के पूरे जीनोम का खाका (सिक्वेंसिंग) तैयार किया है जिससे वानरों और मनुष्यों के विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है.
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसीन के वैज्ञानिकों की एक टीम का कहना है कि वनमानुष इंसानों, गोरिल्लाओं और चिम्पैजी की तुलना में अनुवांशिक तौर पर पूर्वज वानरों के ज्यादा करीब होते हैं.
वनमानुष की दो आधुनिक प्रजातियां बोरनियों और सुमात्रा के द्वीपों पर रहती हैं और उनका आस्तित्व खतरे में है. ये वनमानुष इंसानों से अनुवांशिक तौर पर सबसे दूर होते हैं.
पाये गये जीवाश्मों से पता चलता है कि दक्षिण पूर्व एशिया में उनकी कई प्रजातियां थीं. वनमानुष की आधुनिक आबादी को कटते जंगल और इंसानों की अन्य हरकतों से खतरा पहुंचा है.
अनुसंधान के लिये वाशिंगटन विश्वविद्यालय की टीम ने सुमात्रा की सुजी नाम की मादा वनमानुष के पूरे जीनोम की सिक्वेंसिंग की.