चुनाव प्रचार में नेताओं की ज़बान मानो कैंची की तरह चल रही है. वोट बैंक की फिक्र में सीमाएं टूट रही हैं. एक सियासी रैली में शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की ज़बान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपशब्द कहने में नहीं लड़खड़ाई.
अब मुंबई के सिटी कलेक्टर ने उद्धव की रैली में प्रधानमंत्री पर दिए अपमानजनक बयान की जांच के आदेश दे दिए हैं. हैरानी की बात तो ये है कि जब मंच से उद्धव ठाकरे गरज-गरज कर लोकतंत्र को शर्मसार कर रहे थे उस वक्त बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी मौजूद थे. लेकिन जनतंत्र के दामन पर किचड़ उछालने का ये सिलसिला यहीं नहीं रुका.
जब बारी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नितिन गडकरी की आई तो उन्होंने भी अपने भाषण को जोरादार बनाने के लिए उसी अश्लील शब्दकोश का सहारा लिया जिसके जरिए थोड़ी देर पहले उद्धव ने अपने भाषण को धारदार बनाया था.