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उड़ीसा सरकार मुसीबत में, भाजपा समर्थन वापस लेगी

उड़ीसा की नवीन पटनायक सरकार अब मुसीबत में आ गई है. सरकार को सहयोग दे रही भारतीय जनता पार्टी अब कभी भी समर्थन वापस ले सकती है.

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उड़ीसा की नवीन पटनायक सरकार अब मुसीबत में आ गई है. सरकार को सहयोग दे रही भारतीय जनता पार्टी अब कभी भी समर्थन वापस ले सकती है. लोकसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा और बीजद के बीच समझौता टूट जाने के बाद दोनों के बीच गठबंधन खत्‍म हो गया. इसके बाद भाजपा अध्‍यक्ष राजनाथ सिंह ने अपने विधायकों को राज्‍य सरकार से समर्थन वापस लेने को कहा है.

गौरतलब है कि बीजद ने राज्य में भाजपा के साथ सीटों के तालमेल पर हुई बातचीत नाकाम रहने पर 11 साल पुराना रिश्ता तोड़ने की घोषणा की. उड़ीसा के मुख्यमंत्री और बीजेडी के प्रमुख नवीन पटनायक ने भुवनेश्वर में संवाददाताओं को इसकी जानकारी दी.

उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्य से बीजेडी और बीजेपी के बीच सीटों के तालमेल पर चल रही वार्ता नाकाम हो गई है. लिहाजा, हम अकेले चुनाव मैदान में जाएंगे.' उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे का जो फार्मूला भाजपा पेश कर रही थी, वह हमारे लिए स्वीकार्य नहीं था.

बीजेपी ने किसी तरह की सुलह की संभावना से भी इंकार किया है. गौरतलब है कि उड़ीसा में पिछले 11 साल से दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ते आ रहे थे. लेकिन पिछले करीब एक महीने में कई दौर की बातचीत के बाद भी नतीजा नहीं निकला और उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक ने ये एलान कर दिया कि चुनाव में दोनों दल अलग-अलग लडेंगे. बीजेपी ने इस बार अंतिम दौर की बातचीत के लिए चन्दन मित्रा को भुवनेश्वर भेजा था. लेकिन, मामला सुलझ नहीं पाया.

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