याद है केरल का वह मंदिर, जहां अदालत के आदेश के बाद सैंकड़ों वर्षों से बंद खजाने को खोला गया और जहां लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा के हीरे-जवाहरात और गहने मिले? अब यह मंदिर गलत कारणों से फिर से चर्चा में है.
इस बार मामला यह है कि यहां से बेशकीमती जेवर चुराकर उनकी जगह नकली जेवर वगैरह रखे जा रहे हैं. यह खबर एक अंग्रेजी अखबार ने दी है. अखबार के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिक्स गोपाल सुब्रह्मण्यम ने खुलासा किया है कि उन्हे मंदिर परिसर में गोल्ड प्लेटिंग करने वाली एक मशीन मिली है, जिससे लग रहा है कि वहां बड़े सुनियोजित ढंग से जेवर चुराकर उनकी जगह नकली जेवर रखे जा रहे हैं. उन्होंने इस काम में उच्च स्तर के लोगों का हाथ होने की भी आशंका जताई है.
सुब्रह्मण्यम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बड़े पैमाने पर वहां बिना हिसाब-किताब के सोना-चांदी मिलना उनके लिए एक शॉक है. साथ ही गोल्ड प्लेटिंग मशीन का वहां होना शक को पुख्ता करता है. 500 से भी ज्यादा पन्नों की अपनी रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि इस तरह की बरामदगी से यहां ऊंचे पदों पर बैठे लोगों द्वारा संगठित रूप से चोरी का संदेह पैदा करता है. उन्होंने कहा कि स्टाफ को हस्तक्षेप से रोकने के लिए यहां तरह-तरह के डरावने तरीके अपनाए जा रहे हैं.
सुब्रह्मण्यम ने इस बाबत उदाहरण भी दिए हैं. उन्होंने एक ऑटोरिक्शा चालक की लाश मंदिर परिसर के टैंक में संदेहास्पद तरीके से पाए जाने की भी बात बताई है. इतना ही नहीं मंदिर के एक कर्मचारी पर एसिड फेंके जाने की घटना की भी उन्होंने चर्चा की.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन सब मामलों पर प्रशासन तथा पुलिस खामोश है. उन्होंने यह भी कहा कि इन मामलों की ढंग से जांच भी नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि यहां अभी भी राजशाही का काफी प्रभाव है. सुब्रह्मण्यम ने शाही परिवार की भी आलोचना की और कहा कि वे मंदिर का प्रशासन सही ढंग से नहीं चला रहे हैं. शाही परिवार वहां का ट्रस्टी है. उन्होंने कहा कि वे लोग कभी मंदिर की संपत्ति के ऑरिजिनल सबूत नहीं देते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मंदिर से शाही परिवार को पूरी तरह से अलग कर दिया जाए और एक नई कमेटी बनाई जाए. उन्होंने कहा कि कैग के पूर्व प्रमुख विनोद राय द्वारा इसकी ऑडिट कराई जाए. अब इस रिपोर्ट पर अदालत 23 अप्रैल को सुनवाई करेगी.