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OROP: अब राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई पूर्व सैनिकों ने

पूर्व सैनिकों का वन रैंक वन पेंशन (OROP) की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन शनिवार को 76वें दिन में प्रवेश कर गया. पूर्व सैनिकों ने अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से हस्तक्षेप का आग्रह किया है. सशस्त्र सैनिकों के सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति को पत्र भेज कहा है कि दूसरों की जान बचाने वाले सैनिकों की जान अाज खुद दांव पर लगी है.

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हवलदार (सेवानिवृत्त) मेजर सिंह
हवलदार (सेवानिवृत्त) मेजर सिंह

पूर्व सैनिकों का वन रैंक वन पेंशन (OROP) की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन शनिवार को 76वें दिन में प्रवेश कर गया. पूर्व सैनिकों ने अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से हस्तक्षेप का आग्रह किया है. सशस्त्र सैनिकों के सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति को पत्र भेज कहा है कि दूसरों की जान बचाने वाले सैनिकों की जान अाज खुद दांव पर लगी है.

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संगठन ने कहा कि भूख हडताल कर रहे चार पूर्व सैनिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि एक अन्य पूर्व सैनिक हवलदार (सेवानिवृत्त) मेजर सिंह की तबियत तेजी से बिगड़ रही है. चिट्ठी की कॉपी प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भी भेजी गई है. इसमें कहा गया है कि डाक्टरों के पैनल ने मेजर सिंह की तबियत में गिरावट बताई है और कहा है कि यह खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है.

जब सबकी मंजूरी तो लागू क्यों नहीं?
मेजर सिंह ने अस्पताल जाने से इंकार कर दिया है. उन्होंने संकल्प किया है कि जब तक ओआरओपी लागू नहीं हो जाता, वह कोई चिकित्सकीय इलाज नहीं लेंगे. पत्र में कहा गया कि यदि हवलदार मेजर सिंह या भूख हडताल पर बैठे किसी अन्य पूर्व सैनिक को कुछ हो जाता है तो उसके लिए सिर्फ महामहिम और भारत सरकार जिम्मेदार होगी. पत्र में पूछा गया है कि जब सरकार और विपक्ष दोनों इसके पक्ष में हैं तो OROP लागू क्यों नहीं हो पाया.

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-इनपुट भाषा

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