दिवाली से पहले मोदी सरकार ने पूर्व सैनिकों को गिफ्ट देने का मन बना लिया है. रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने ऐलान किया है दिवाली से पहले 'वन रैंक, वन पेंशन' (OROP) को लागू कर दिया जाएगा.
एक ओर सरकार जल्द ही OROP को अमलीजामा पहनाने की तैयारी में है, तो दूसरी ओर भूतपूर्व सैनिकों ने अपना विरोध तेज कर दिया है.
भूतपूर्व सैनिक लौटाएंगे अपना मेडल
OROP की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे भूतपूर्व सैनिकों ने अपना विरोध तेज करते हुए देशभर में 9-10 नवंबर को अपने मेडल लौटाने की घोषणा की है. भूतपूर्व सैनिक आंदोलन के महासचिव ग्रुप कैप्टन वीके गांधी ने कहा, 'हमने देशभर में अपने मेडल को लौटाने का फैसला एकमत से लिया है.'
दिल्ली के जंतर-मंतर व देशभर में 145 दिनों के प्रदर्शन के दौरान भूतपूर्व सैनिकों ने अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने तथा उसे और तेज करने का फैसला किया था.
गांधी ने कहा, 'सरकार हमें जो OROP देने की इच्छुक है, वह विसंगतियों से भरी है. वह इसकी परिभाषा के मुताबिक नहीं है. विरोध के तौर पर सभी भूतपूर्व सैनिक अपने मेडल के साथ 9-10 नवंबर को देशभर में अपने जिलों में इकट्ठा होंगे.'
उन्होंने कहा, 'मेडलों को जिलाधिकारी के पास जमा कर दिया जाएगा. अगर वे इसे नहीं लेते हैं, तो इसे वहीं पर छोड़ दिया जाएगा. जिलाधिकारियों से मेडल की सुरक्षा का अनुरोध किया जाएगा. हम उनसे आग्रह करेंगे कि वे मेडल को या तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास या राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास भेज दें.'
OROP के ऐलान के बाद भी आंदोलन जारी
केंद्र सरकार ने 5 सितंबर को OROP योजना का ऐलान किया था. इसके बाद भी भूतपूर्व सैनिकों ने अपना आंदोलन जारी रखा है. भूतपूर्व सैनिकों का कहना है कि सरकार ने जो घोषणा की है, वह OROP नहीं, बल्कि 'वन रैंक, फाइव पेंशन' है.