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पाकिस्तान में है ओसामा और अल जवाहिरी : मुलेन

अफगानिस्तान के समीप पाकिस्तान के कबायली इलाकों को अल कायदा का वैश्विक मुख्यालय करार देते हुए अमेरिका के शीर्ष सैन्य कमांडर माइक मुलेन ने कहा है कि अमेरिका मानता है कि आतंकी नेटवर्क का प्रमुख ओसामा बिन लादेन और उसका सहायक अयमान अल जवाहिरी इसी देश में हैं.

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अफगानिस्तान के समीप पाकिस्तान के कबायली इलाकों को अल कायदा का वैश्विक मुख्यालय करार देते हुए अमेरिका के शीर्ष सैन्य कमांडर माइक मुलेन ने कहा है कि अमेरिका मानता है कि आतंकी नेटवर्क का प्रमुख ओसामा बिन लादेन और उसका सहायक अयमान अल जवाहिरी इसी देश में हैं.

मुलेन ने कहा कि क्षेत्र में इन आतंकी नेताओं की मौजूदगी ही वह कारण है जिसकी वहज समग्र अफ.पाक नीति का मुख्य हिस्सा उन जैसे लोगों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने वाले क्षेत्रों के खात्मे पर केन्द्रित है.

गौरतलब है कि इससे कुछ दिन पहले ही अमेरिकी विदेश सचिव हिलेरी क्लिंटन ने इस्लामाबाद में इसी प्रकार का बयान दिया था. हिलेरी ने हाल में इस्लामाबाद यात्रा के दौरान कहा था कि लादेन और अल कायदा के शीर्ष नेता पाकिस्तान में हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस दावे को ‘अटकल’ कहकर खारिज कर दिया था.

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सवालों के जवाब में मुलेन ने कहा कि अल कायदा नेता बेहद सुरक्षित स्थलों पर छिपे हुए हैं तथा उनका पता लगना कठिन है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कबायली क्षेत्र अल कायदा आतंकी नेटवर्क के वैश्विक मुख्यालय हैं.

मुलेन ने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान की सराहना की, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान के हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है. उनके अनुसार यह नेटवर्क पाकिस्तान में अपनी गतिविधियों के कारण अफगानिस्तान में शांति प्रयासों को बाधा पहुंचा रहा है. उन्होंने हक्कानी गुट को सबसे घातक नेटवर्क करार दिया.

उन्होंने पाकिस्तान से कई बार यह अनुरोध किया है कि इस खतरे का सामना किया जाये. पाकिस्तानी सेना हक्कानी गुट के कारण उत्पन्न खतरे से वाकिफ है. अमेरिकी सैन्य कमांडर ने कहा, ‘‘हक्कानी नेटवर्क अफगानिस्तान में विद्रोही गतिविधियों में मजबूती से संलग्न है तथा उसके खिलाफ मजबूत रूख अपनाये जाने की जरूरत है.’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में करीबी सहयोगी है तथा अमेरिका इस युद्ध में पाकिस्तान को मदद एवं सहयोग देता रहेगा. पाकिस्तान सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में सफलता हासिल करने का महत्वपूर्ण फैसला किया है.

मुलेन ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान और अमेरिका खुफिया एजेंसियों के बीच भरोसा बढ़ा है तथा संकेत दिया कि इस क्षेत्र में अधिक किया जा सकता है. उन्होंने आतंकवादियों को पकड़ने में पाकिस्तानी सेना और आईएसई की भूमिका की सराहना की.

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मुलेन ने इस बात से इंकार किया कि अमेरिका ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक कयानी का कार्यकाल तीन साल बढ़ाने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डाला. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान प्रभुसत्ता संपन्न देश है और यह पाकिस्तान का अंदरूनी मामला है.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में खुफिया तौर पर कोई अमेरिकी सैनिक नहीं है. पाकिस्तान में जो भी अमेरिकी सैनिक हैं वे उसके अनुरोध पर प्रशिक्षण मकसदों से भेजे गये हैं.

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