अमेरिकी सीनेट की रिपोर्ट की मानें, तो अमेरिका के रक्षामंत्री डोनाल्ड रुम्सफील्ड और कमांडर टॉमी फ्रैंक की एक गलती आतंक से जंग पर भारी पड़ गई. अगर इन दोनों ने सही वक्त पर सही फैसला किया होता, तो 2001 में ही ओसामा का सफाया हो गया होता.
दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकवादी ओसामा का 8 साल पहले ही खात्मा हो गया होता. ओसामा 2001 में ही पकड़ा या मारा जा सकता था, लेकिन अमेरिकी सरकार औऱ फौज की अपनी नीतियों ने ही ओसामा को जीवनदान दे दिया. ऐसा अमेरिकी सीनेट की फॉरेन रिलेशन कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक 2001 में अमेरिकी रक्षा मंत्री डोनाल्ड रुम्सफील्ड और टॉप कमांडर टॉमी फ्रैंक्स की गलतियों का नतीजा अमेरिका और सारी दुनिया को भुगतना पड़ रहा है. अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले के तुरंत बाद दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी आफगानिस्तान के तोराबोरा की पहाड़ियों में जा छिपा था. ये बात अमेरिका पक्के तौर पर जानता था. बावजूद इसके अगर उसी वक्त अमेरिका ने तोराबोरा में बड़े पैमाने पर सैनिक कार्रवाई की होती, तो ओसामा का पकड़ा या मारा जाना तय था, लेकिन अमेरिकी कमांडरों ने इस इलाके में फौज उतारने की बजाय हवाई और मिसाइल हमलों पर ही ज्यादा जोर दिया. सही वक्त पर सही फैसला लेने में हुई इसी चूक का फायदा उठाकर ओसामा भाग निकला.
ऱाष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रह चुके सिनेटर जॉन केरी की अध्यक्षता में तैयार की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक अगर 2001 में ही ओसामा का खात्मा हो गया होता, तो दुनिया भर में आतंकी मुहिम को ऐसा झटका लगता, जिससे उबरना उनके लिए मुश्किल होता, लेकिन ओसामा के बच निकलने से आतंकवादी संगठनों को ताकत और प्रेरणा दोनों मिलती रही.
अमेरिकी सीनेट की ये रिपोर्ट ऐसे मौके पर सामने आई है, जब राष्ट्रपति ओबामा आफगानिस्तान में औऱ फौज भेजने का ऐलान करने वाले हैं.