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उस्‍मानाबाद: दरगाह से बच्‍चों को फेंकने की परंपरा पर लगी रोक

आखिरकार 700 साल पुरानी चली आ रही कुप्रथा पर रोक लग ही गई और ये मुमकिन हुआ आजतक पर खबर दिखाए जाने के बाद. महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में उस परंपरा पर रोक लगा दी गई है, जिसमें मान्यता के नाम पर एक साल से कम उम्र के बच्चों को आसामान से 50 फुट की ऊंचाई से नीचे फेंक दिया जाता था.

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आखिरकार 700 साल पुरानी चली आ रही कुप्रथा पर रोक लग ही गई और ये मुमकिन हुआ आजतक पर खबर दिखाए जाने के बाद. महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में उस परंपरा पर रोक लगा दी गई है, जिसमें मान्यता के नाम पर एक साल से कम उम्र के बच्चों को आसामान से 50 फुट की ऊंचाई से नीचे फेंक दिया जाता था.

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पिछले दिनों आजतक पर इस खबर को दिखाए जाने के बाद उस्मानाबाद जिला प्रशासन ने न सिर्फ इस मामले को गंभीरता से लिया, बल्कि सदियों पुरानी चली आ रही इस खतरनाक प्रथा पर हमेशा के लिए पाबंदी भी लगा दी.

उस्मानाबाद में जिंदा वाली बाबा की दरगाह पर हर साल सालाना उर्स के मौके पर सैकडों की संख्या में मासूमों को 50 फीट की ऊंचाई से फेंकने की परंपरा चली आ रही थी. वो मां-बाप, जिन्हें संतान का सुख नसीब नहीं होता था, पहले यहां आकर बाबा से मन्नतें मांगते थे और फिर संतान होने पर उसे बाबा का आशीर्वाद दिलाने के नाम पर ऊंचाई से फिंकवाते थे.{mospagebreak}इस प्रथा में बच्चों को काफी ऊंचाई से नीचे फेंका जाता था और लोग उन्हें जमीन पर गिरने से बचाने के लिए कपड़े की चादर लिए नीचे खड़े होते थे. इस परंपरा में न सिर्फ महाराष्ट्र के कई हिस्सों से लोग आते थे, बल्कि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से भी बड़ी संख्या में माता-पिता अपने बच्चों को यहां लाते थे. आजतक के खबर का असर इस कदर हुआ कि इस साल उस्मानाबाद में सोमवार से सालाना उर्स शुरू हो गया, लेकिन किसी बच्चे को फेंकने की घटना सामने नहीं आई.

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