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'घर वापसी' पर बोले भागवत, जंगल में खोए हमारे भाई लौट रहे हैं

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अहमदाबाद में आयोजित चार दिवसीय कार्यशाला के आखिरी दिन रविवार को एक बार हिंदू राष्ट्र की बात की. उन्होंने कार्यकर्ताओं से देश, हिंदू धर्म और हिंदू समाज की रक्षा करने का भी आह्वान किया.

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Mohan Bhagwa
Mohan Bhagwa

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अहमदाबाद में आयोजित चार दिवसीय कार्यशाला के आखिरी दिन रविवार को एक बार फिर हिंदू राष्ट्र का राग अलापा. उन्होंने कार्यकर्ताओं से देश, हिंदू धर्म और हिंदू समाज की रक्षा करने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यह हिंदू देश है अगर हिंदू समाज पर खतरा आता है तो देश भी खतरे में पड़ जाएगा. भागवत ने कहा कि आज मानव समाज के बाद समक्ष जो समस्याएं हैं, वे इसलिए हैं, क्योंकि धर्म को नजरअंदाज किया गया.

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भागवत ने संघ की विचारधारा का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कोई संघ के बारे में वाकई जानना चाहता है तो उसे संघ को करीब से देखना चाहिए, उसे पता होना चाहिए संघ की कार्यशैली क्या है और वह कैसे काम करता है. धर्मांतरण का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा कि धर्म परिवर्तन से अगर सबसे ज्यादा किसी को नुकसान हुआ है तो वह है हिंदू धर्म. 'घर वापसी' को डिफाइन करते हुए भागवत ने कहा कि हमारे भाई-बहन जो जंगल में खो गए थे, वे वापस आ रहे हैं, यही घर वापसी है.

उन्होंने गो रक्षा और कॉमन सिविल कोड को समय की जरूरत बताया. भागवत ने कहा कि भारत दुनिया को सीख देता रहा है. भारत दुनिया का बड़ा भाई है. देश को रूढ़ियों से मुक्त करना है. सबको देश को अपना समझना होगा. उन्होंने कहा कि आरएसएस संस्कार देने वाला संगठन है. कार्यकर्ता हिंदू समाज को संगठित करें. मतभेदों को दूर कर देश सेवा करें. यह देश परंपरा से हिंदू राष्ट्र है.देश के भले बुरे का जिम्मेदार हिंदू है.

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भागवत ने कहा कि सबको स्वीकार करो, सबको साथ लेकर चलो. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि समाज सरकार पर निर्भर जरूर है, लेकिन समाज को सरकार भरोसे नहीं रहना चाहिए, क्योंकि सरकार सबकुछ नहीं कर सकती है. सभी देशवासियों को संपूर्ण देश अपना लगे. विविधता में एकता हमारी पहचान है. अगर हिंदू एक हो जाएं तो देश की तरक्की पक्की है. दुनिया भी भारत की तरक्की चाहती है.

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