प्रधानमंत्री ने मालदा में कहा कि भारत की तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें अपने नौजवानों को शिक्षित और कुशल बनाना होगा. सच तो यह है कि ऐसा किए बगैर हम ज्यादा समय तक अपनी अर्थव्यवस्था के विकास की गति को तेज नहीं रख पाएंगे. हमारी सरकार इस बात को अच्छी तरह समझती है. इसीलिए हमने शिक्षा के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है.
मालदा जिले में गनी खान चौधरी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालाजी की आधारशिला रखने के दौरान मनमोहन ने यह बात कही.
पीएम ने कहा, 'शिक्षा पर सरकारी खर्च को हमने जीडीपी के 3.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया है. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हमने बहुत से नए संस्थान स्थापित किए हैं जिनमें 16 केंद्रीय विश्वविद्यालय , सात आईआईएम, 8 आईआईटी , 10 एनआईटी और 5 आईआईएसईआर शामिल हैं.'
उन्होंने कहा, 'हमने नेशनल स्किल डेवलपमेंट की शुरुआत की है जिसका लक्ष्य 12वीं योजना में 5 करोड़ लोगों को कुशल बनाना है. उच्च शिक्षा में अब हम गुणवत्ता की तरफ ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. हम चाहते हैं कि न सिर्फ ज्यादा नौजवान उच्च शिक्षा का फायदा उठाएं बल्कि उनको मिलने वाली शिक्षा विश्व स्तरीय हो. हम चाहते हैं कि हमारे वैज्ञानिक और इंजीनियर सारी दुनिया में नाम कमाएं.