दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ने से वैसे तो सभी मेट्रो यात्रियों की जेब ढीली होगी, लेकिन कॉलेज स्टूडेंट्स इसे लेकर कुछ ज्यादा ही नाराज नजर आ रहे हैं. कुछ ही महीने में दूसरी बार मेट्रो का किराया बढ़ने से कॉलेज स्टूडेंट्स अपनी पॉकेट मनी का बजट बिगड़ने को लेकर परेशान हैं. उनमें भी अन्य राज्यों से आकर देश की राजधानी में शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों की चिंता कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है.
मेट्रो किराया बढ़ने पर स्टूडेंट्स की प्रतिक्रिया लेने के लिए 'आजतक' की टीम दिल्ली के माता सुंदरी कॉलेज पहुंची और वहां पढ़ने वाली छात्राओं से बातचीत की.
रोज द्वारका से मंडी हाउस के बीच सफर करने वाली स्टूडेंट सरोज बताती हैं कि उनका घर से कॉलेज और कॉलेज से घर आने-जाने का खर्च 100 रुपए से ज्यादा का है. सरोज का कहना है, "मिडिल क्लास परिवार में पॉकेट मनी कम मिलती है और इसी पॉकेट मनी में पढ़ाई के अलग-अलग प्रोजेक्ट पर भी खर्च करना होता है. 10 अक्टूबर को बढ़ रहे किराए को लेकर बहुत दुखी हूं."
लक्ष्मीनगर में रहने वाली स्वाति फाइनल ईयर की स्टूडेंट हैं. स्वाति ने बताया कि उनका परिवार मिडिल क्लास में आता है और वह पिछले 3 साल से दिल्ली में एक किराए के मकान में रहकर पढ़ाई कर रही हैं.
स्वाति कहती हैं, "मई में किराया बढ़ने के बाद 10 रुपए का सफर 20 रुपए तक पहुंच गया. 10 अक्टूबर को किराया बढ़ता है तो मेट्रो में आने-जाने का खर्च 50 रुपए तक हो जाएगा. परिवार हर महीने किराए के लिए जितनी पॉकेट मनी भेजता है उसमें दिल्ली में गुजर करना बेहद मुश्किल हो गया है."
पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में रहने वाली शेफाली ने बताया कि उनके परिवार में सभी रोजाना मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं. शाहदरा से आईटीओ मेट्रो स्टेशन तक आने के लिए शेफाली 30 रूपए खर्च करती हैं, जबकि घर लौटने का किराया मिलाकर खर्च 60 रुपए तक पहुंच जाता है. शेफाली का कहना है, "खास तौर पर कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए मेट्रो किराया वृद्धि एक गलत फैसला है. मिडिल क्लास व्यक्ति की सैलरी नहीं बढ़ती, लेकिन महंगाई बढ़ जाती है." शेफाली कहती हैं कि फिलहाल वह अपने परिवार से पॉकेट मनी बढ़ाने की गुज़ारिश करेंगी.
किराया बढ़े तो सुविधा भी बढ़ाये मेट्रो
मेट्रो में रोजाना सफर करने वालों में दिल्ली के बाहर से आने वालों की तादाद भी कम नहीं है. हजारों लोग रोज बसों या ट्रेन के जरिए दिल्ली आते हैं और फिर यहां अपने दफ्तर जाने के लिए मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं. नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर जब दैनिक मुसाफिरों से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने माना कि मेट्रो के आने से उनके रोज के सफर में आ रही दिक्कत तो दूर हुई है, लेकिन किराया बढ़ाने के साथ यदि मेट्रो की सुविधाएं भी बढ़ाई जाएं या मेट्रो के फेरे बढ़ा दें, तो सफर आसान हो जाएगा.
षयज।