उत्तराखंड में आए महाप्रलय को एक महीना बीत चुका है, लेकिन अलग-अलग राज्यों के हजारों लोग अभी तक लापता हैं. दिल्ली के कई परिवार इस तबाही का जख्म झेल रहे हैं, साउथ दिल्ली के खानपुर इलाके के 29 लोगों का अभी तक तक कुछ पता नहीं चल पाया है.
दिल्ली में अपनों से बिछड़े परिवार वाले अभी भी उम्मीद लगाकर बैठे है कि उनके अपने घर लौट आएंगे और भगवान् के किसी चमत्कार की उम्मीद कर रहे हैं. यहां से केदारनाथ की यात्रा पर बस में सवार होकर 35 लोगों का एक जत्था गया था, जिसमे से 6 लोग तो वापिस आ गए, जबकि 29 लोगों के बारे में कुछ भी पता नहीं लग पाया है.
परिवार के लोगों ने 15 दिन तक हरिद्वार और ऋषिकेश में रहकर अपने लोगों को ढूंढ़ने की कोशिश की, लेकिन कुछ भी पता नहीं लगा और कई परिवार ऐसे भी हैं जो अभी भी अपनों की तलाश में उत्तराखंड गए हुए है, लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी लापता लोगों का कुछ पता नहीं चल पाया है.
पीड़ित सुदीप ने कहा, 'हमारे यहां से 35 लोगों का एक जत्था गया था, जिसमें से 29 लोग अभी तक लापता है, जिसमें मेरी मम्मी लीलाबती, दादी माया और बुआ भगवती थीं.' एक ऐसे ही पीड़ित रामा ने कहा, 'खानपुर गांव से एक बस में 35 लोग गए है, जिसमें 3 हमारे परिवार के हैं 29 लोगों का कुछ भी पता नहीं लग पा रहा है.'
लापता 29 लोगों में 15 लोग एक ही परिवार के है, जबकि बाकी लोग आस- पड़ोस के हैं. तबाही के बाद उत्तराखंड सरकार ने कहा था कि 1 महीने के बाद जो लोग लापता होगे या जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं पायेगी उन पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा. सरकार के इस बयान से भी पीड़ित लोगो में गुस्सा है कि सरकार जिस मुआवजे की बात कर रही है यदि समय रहते लोगों के बाचाव के लिए यह पैसा खर्च किया जता तो और भी ज्यादा लोग बच सकते थे.
वहीं, दिल्ली सरकार अब मुआवजे की प्रक्रिया शुरू करेगी. आधिकारिक रूप से दिल्ली के राजस्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने जानकारी दी और कहा कि उत्तराखंड सरकार की तरफ से पुष्टि के बाद मुआवजा दिया जाएगा.