पिछले एक महीने में 3,500 से ज्यादा भारतीयों ने संकटग्रस्त इराक से वापसी की है. हालांकि इराक के कई अशांत क्षेत्रों में अभी भी 50 भारतीय नागरिक मौजूद हैं. इनमें मोसुल में कैद 39 भारतीय कामगार भी शामिल हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारतीयों को वापस लाने के लिए पहले ही 2,500 टिकटें उपयोग में लाई जा चुकी हैं. अभियान के दौरान अतिरिक्त 1,000 टिकटों की व्यवस्था भारतीय कामगारों के नियोक्ताओं द्वारा की गई. उन्होंने कहा कि बंधक बने 39 भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए मंत्रालय हर संभव प्रयास कर रहा है. ये भारतीय संकटग्रस्त इराक में सुन्नी चरमपंथियों आईएसआईएस की कैद में है.
कामगारों की रिहाई के लिए सरकार सभी पड़ोसी खाड़ी देशों के संपर्क में बनी हुई है. इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अभी भी वहां कुछ बाधाएं हैं, क्योंकि बेहतर प्रयास के बावजूद कुछ भारतीय वहां से लौटने को तैयार नहीं हैं.
इराक में अलकायदा समर्थित सुन्नी चरमपंथियों और सरकारी सैन्य बलों के बीच भीषण संघर्ष के शुरू होने से पहले करीब 10,000 भारतीय इराक में थे. विदेश मंत्रालय उनकी वापसी के लिए सुविधाएं मुहैया करा रहा है. अनुमान है कि करीब 6500 भारतीय संकट रहित क्षेत्रों में मौजूद हैं. इनमें से ज्यादातर भारतीय गैर संकटग्रस्त कुर्दिस्तान और बसरा जैसे इलाकों में मौजूद हैं.