विटामिन डी की अधिक गोलियां खाने की वजह से दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 10 साल के बच्चे की मौत का मामला सामने आया है. कई डॉक्टर मान रहे हैं कि बिना डॉक्टरों की सलाह के विटामिन डी का सेवन आजकल लोगों मे कॉमन हो गया है. वहीं दूसरी तरफ डाक्टरों का एक वर्ग इस बात से चिंतित है कि इस मामले का गलत असर ना पड़े और जरूरतमंद लोग भी डर की वजह से विटामिन डी का सेवन करना छोड़ दें.
जरूरत से ज्यादा सेवन बन सकता है मौत की वजह
एम्स के ही मनोचिकित्सक डॉ. सुधीर खंडेलवाल का कहना है कि लोगों मे विटामिन डी की गोलियां खाने की होड़ सी मची है. गंभीर बात ये है कि बिना जांच करवाए और बिना डॉक्टर की सलाह के लोग विटामिन डी का सेवन कर रहे हैं. इसके गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं. डॉक्टर रनदीप गुलेरिया मानते हैं कि किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा सेवन मौत की वजह बन सकता है चाहे वो पानी ही क्यों ना हो.
दिल्ली के गंगाराम अस्पताल की माइक्रो बायलोजिस्ट डॉ. सीमा भार्गव के अनुसार शरीर को 30 से 70 नैनो ग्राम प्रति मिली लीटर विटामिन डी की जरूरत होती है. शरीर में विटामिन डी की मात्रा 20 से 30 नैनो ग्राम प्रति मिली लीटर के बीच है तो कमी है. वहीं 20 से नीचे और 70 से ऊपर होने पर मामला गंभीर होता है.
शरीर में विटामिन डी की कमी से बढ़ती है शुगर की मात्रा
कम ही लोग ये जानते होंगे कि शरीर मे विटामिन डी के अभाव में कैल्शियम जमा नहीं हो पाती और इसका सीधा असर हड्डियों पर पड़ता है. इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. नई रिसर्च विटामिन डी को डायबिटीज से भी जोड़ती है. शरीर मे विटामिन डी की कमी शुगर लेवल को बढ़ाती है. इसलिए विटामिन डी बहुत जरूरी है . सूरज की किरणों और खाने की कुछ चीजों को छोड़कर हमारे तमाम खाने मे विटामिन डी नहीं मिलता. इसलिए शरीर मे विटामिन डी की कमी हो जाती है. जिसके कारण लोगों को इसकी गोलियां और पाउडर खाने की सलाह दी जाती है.
विटामिन डी की ओवरडोज से हुई बच्चे की मौत
एम्स मे एक मासूम की हुई मौत से ये बात सामने आई है कि किसी भी चीज की अति भयंकर होती है. एम्स के डॉक्टरों की मानें तो बच्चे की मौत विटामिन डी के ओवरडोज से हुई है. बच्चों को 1 हजार इंटरनेशनल यूनिट लेने की इजाजत है. लेकिन बच्चा 6 लाख इंटरनेशनल यूनिट विटामिन डी ले रहा था. एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे के शारीरिक विकास के लिए किसी डॉक्टर ने विटामिन डी की गोलियां दी थीं. 21 दिनों से बच्चा लगातार विटामिन डी की गोलियां खा रहा था. गोलियों के अधिक सेवन की वजह से बच्चे के शरीर में सामान्य से 30 गुना ज्यादा विटामिन डी मौजूद था. बच्चे की मौत आंतों में बड़ी मात्रा में कैल्शियम की मौजूदगी से हुई.
विटामिन डी के प्रति जागरूकता जरूरी
वरिष्ठ मेडिसिन सलाहकार डॉ. एम. वलि के अनुसार शरीर मे कैल्शियम ज्यादा होने पर वो आरटरी मे जमा हो जाता है. जो खून का दौरा रोक देती है. इसकी वजह से मरीज को हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोंक तक हो सकता है. डॉक्टर का मानना है कि इस बच्चे की मौत विटामिन डी की ओवरडोज की वजह से हुई है. डॉ. वलि का ये भी कहना है कि इससे विटामिन डी के प्रति लोगों में खौफ पैदा ना हो क्योंकि शरीर के लिए ये बहुत जरूरी है. डॉक्टर की सलाह के बाद ही विटामिन डी का अतिरिक्त सेवन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश मे 80 फीसदी से ज्यादा लोग विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं. ऐसे मे जागरूकता बहुत जरूरी है.