देश की मुस्लिम राजनीति में अपनी दावेदारी बढ़ाने के मकसद से एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार की राजनीति में एंट्री कर ली है. खासकर हैदराबाद में दबदबा रखने वाली असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम महाराष्ट्र के बाद बिहार विधानसभा में भी किस्मत आजमा सकती है. एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार के किशनगंज में रविवार को बड़ी रैली की. ओवैसी की रैली में हजारों की भीड़ भी जुटी.
चुनावी पत्ते नहीं खेले
चुनावी भाषण में ओवैसी ने पीएम मोदी सहित लालू यादव और नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा. हालांकि बिहार में MIM कितनी सीटों पर लड़ेगी इस पर ओवैसी ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
दूसरे दलों पर साधा निशाना
ओवैसी ने किशनगंज की रुईधासा मैदान में हजारों की भीड़ को संबोधित किया. ओवैसी ने लालू, नीतीश और पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा. ओवैसी ने बिना नाम लिए बिहार के नेताओं की तुलना बन्दर से की. ओवैसी ने कहा कि सीमांचल को शेरों की ज़रुरत है, बंदरों की नहीं. इसके साथ ही ओवैसी ने पीएम मोदी के भाषण की मिमिक्री भी की .
मुस्लिम वोटों पर नजर
ओवैसी ने सीमांचल का मुद्दा उठाया और मांग की कि आर्टिकल 371 के तहत स्पेशल डेवलॅपमेंट कौंसिल का गठन किया जाये. किशनगंज मुस्लिम बहुल ज़िला और ओवैसी की यहां से रैली की शुरुआत लालू, नीतीश के लिए मुशक्किल खड़ी कर सकती है.
लालू-नीतीश के लिए चुनौती
अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले ओवैसी की बिहार में एंट्री लालू-नीतीश की नींद उड़ा सकती है. मुस्लिम वोट बैंक को लालू का आधार वोट माना जाता है. ओवैसी अगर इस मुस्लिम बहुल इलाके में उम्मीदवार उतारते हैं तो फिर लालू नीतीश के वोट बैंक में सेंध लगना तय है. किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर, सहरसा के इलाकों में मुस्लिम आबादी अच्छी-खासी है. 2014 के लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर बीजेपी बुरी तरह हार गई थी.