पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के सैंथिया स्टेशन पर तेज गति से आ रही एक एक्सप्रेस ट्रेन ने आज तड़के एक अन्य ट्रेन के पिछले हिस्से में टक्कर मार दी जिससे 50 से अधिक लोग मारे गये और 150 से अधिक घायल हुए हैं. दुर्घटना का कारण कथित तौर पर सिग्नल का उल्लंघन बताया जा रहा है.
उत्तरबंग एक्सप्रेस ने रांची जा रही वनांचल एक्सप्रेस को टक्कर मार दी जिससे सियालदह जाने वाली ट्रेन के चालक एमसी डे और सहायक चालक एनके मंडल की मृत्यु हो गयी.
रेल मंत्री ममता बनर्जी इस दुर्घटना को लेकर संशय में दिखी क्योंकि पश्चिम बंगाल में दो महीने में यह दूसरी दुर्घटना है.
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्घटना को लेकर हमारे मन में अनेक प्रकार के संदेह हैं. जो कुछ भी हुआ है, वह सामान्य नहीं है.’’ उन्होंने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को एक लाख रुपये और अन्य घायल को 25000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की.
ममता ने कहा कि दुर्घटना में मारे गये लोगों के परिवार के एक सदस्य को रेलवे में नौकरी दी जाएगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 106-बीएसएफ बटालियन के पांच दलों को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया है. यह दल राष्ट्रीय आपदा त्वरित कार्रवाई बल का हिस्सा है.{mospagebreak}
दुर्घटना में वनांचल एक्सप्रेस के गार्ड ए मुखर्जी की मृत्यु हो गयी. कोलकाता से करीब 191 किलोमीटर दूर रेलवे के पूर्वी जोन में स्थित सैंथिया स्टेशन पर हुई टक्कर इतनी जोरदार थी कि वनांचल एक्सप्रेस के एक डिब्बे की छत और किनारे का एक हिस्सा प्लेटफार्म के करीब स्थित फुटओवर ब्रिज पर जा चढ़ा.
अधिकारियों ने कहा कि मृतकों में 39 पुरुष, आठ महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं. पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक भूपिंदर सिंह ने कहा, ‘‘मृतकों की संख्या 50 से अधिक हो चुकी है और दो या तीन शव निकाले जा सकते हैं जिससे मरने वालों की संख्या 55 पार हो सकती है.’
सूरी और सैंथिया अस्पताल सूत्रों ने कहा कि 50 से अधिक शव आ चुके हैं जबकि 150 से अधिक घायल हुए हैं. 35 घायलों की हालत बहुत गंभीर है.{mospagebreak}
इससे पहले पश्चिम बंगाल में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस हादसे में 148 लोग मारे गये थे. दो महीनों के भीतर राज्य में हुई इस दूसरी रेल दुर्घटना का कारण बताने में रेल अधिकारी परहेज कर रहे हैं लेकिन कहा जा रहा है कि इस दुर्घटना का कारण उत्तरबंग एक्सप्रेस के चालक द्वारा सिग्नल को नजरंदाज करना हो सकता है.
सैंथिया स्टेशन पर उत्तरबंग एक्सप्रेस का आगमन और प्रस्थान का निर्धारित समय क्रमश: तड़के 1.38 और 1.39 बजे था. यह बात साफ नहीं हो पायी है कि इस स्टेशन पर उत्तरबंग एक्सप्रेस की गति इतनी तेज क्यों थी.
वनांचल एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से पांच घंटा देरी से चल रही थी. अधिकारियों ने मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जतायी है क्योंकि वनांचल एक्सप्रेस की दो अनारक्षित बोगियां और एक स्लीपर सह लगेज डिब्बा (एसएलआर) बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है.
क्षतिग्रस्त बोगियों को अलग कर दिया गया है. ट्रेनों को अपने गंतव्य स्टेशनों को रवाना कर दिया गया है. रेलवे ने जांच के आदेश दे दिये हैं. रेल संरक्षा आयुक्त (पूर्वी सर्किल) आर पी यादव हादसे की जांच करेंगे.