सुरक्षा बलों ने शनिवार को माओवादियों की मजबूत पकड़ वाले रामगढ़ पर कब्जा कर लिया और वाम विचारधारा वाले विद्रोहियों के नियंत्रण वाले पश्चिमी मिदनापुर जिले पर कब्जे के लिये दोतरफा अभियान छेड़ दिया, जहां उन्हें बारूदी सुरंगों और गोलीबारी के कारण कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है.
माओवादियों को नहीं मिली पनाह
माओवादियों ने वाम समर्थक मजदूर संगठन एआईटीयूसी के कार्यालय में आग लगा दी. सुरक्षा बलों के रामगढ़ में प्रवेश से पहले माओवादियों ने संगठन की इमारत में पनाह चाही थी, जो उन्हें नहीं मिली. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बल शनिवार सुबह लालगढ़ से दक्षिणी की ओर तथा कडासोल से उत्तर की ओर रवाना हुए. कडासोल पर शुक्रवार को ही नियंत्रण स्थापित कर लिया गया था.
पुलिस चौकी स्थापित की जाएगी
सीआईडी के पुलिस महानिरीक्षक (विशेष अभियान समूह) सिद्धिनाथ गुप्ता ने कहा, ''हमने रामगढ़ पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है. हम वहां एक पुलिस चौकी और शिविर स्थापित करेंगे. पुलिस स्थिति को सामान्य बनायेगी. अभियान जारी रहेगा.''
इस बीच पश्चिम बंगाल की वाम मोर्चा सरकार में सहयोगी दल फारवर्ड ब्लाक ने कहा कि केंद्र के भाकपा माओवादी पर लगाये गये प्रतिबंध के कार्यान्वयन का फैसला मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य अकेले नहीं कर सकते.