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एयरसेल मैक्सिस केस: चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा चलाने को मोदी सरकार की मंजूरी

तुषार मेहता ने कहा कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने जांच को मिस लीड किया. इसी के साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार 18 दिसंबर तक के लिए टल गई है.

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पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम (फाइल फोटो)
पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम (फाइल फोटो)

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एयरसेल मैक्सिस केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सोमवार को इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें केंद्र सरकार ने चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी दे दी है.

पटियाला हाउस कोर्ट में आज हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए तुषार मेहता ने कहा कि कुल 18 आरोपियों में से 11 आरोपियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल चुकी है, जिसमें पी. चिदंबरम भी शामिल हैं. इस मामले में ईडी की तरफ से बाकी बचे आरोपियों पर मुकद्दमा चलाने की मंजूरी के लिए कोर्ट से कुछ और समय मांगा गया है.

तुषार मेहता ने कहा कि विदेशों से पैसे के ट्रांसफर को लेकर चिदंबरम समेत कुछ लोगों का कस्टोडियल इंटेरोगेशन जरूरी है. लेकिन पहले हम बाकी के 7 आरोपियों पर ट्रायल शुरू करने के लिए अलग-अलग विभागों से सेंगशन ले रहे है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 18 दिसंबर को होगी.

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तुषार मेहता ने कहा कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने जांच को मिस लीड किया. इसी के साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार 18 दिसंबर तक के लिए टल गई है.

क्या हैं आरोप?

पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई के अनुमोदन के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी को नजरअंदाज कर दिया था. ED के मुताबिक एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही मंजूरी दी थी, जबकि ये डील 3500 करोड़ रुपये की थी.

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