दिल्ली हाईकोर्ट में उस समय बहस के दौरान दिलचस्प नजारा था जब एक तरफ कपिल सिब्बल ने कहा कि पी चिदंबरम कभी इंद्राणी मुखर्जी से नहीं मिले. तो दूसरी तरफ उनको काउंटर करने के लिए सीबीआई की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पी चिदंबरम की विजिटर बुक के साथ छेड़छाड़ की गई है. तुषार मेहता ने कहा कि सबूतों को नष्ट करने के इरादे से ऐसा किया गया.
शुक्रवार को दोपहर 3:00 बजे के आसपास जब पी चिदंबरम की जमानत अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट के 35 नंबर कोर्ट रूम में सुनवाई शुरू हुई. कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं पी चिदंबरम की तरफ से कोर्ट को यह साफ कर देना चाहता हूं कि मैं कभी भी आईएनएक्स मीडिया केस में इंद्राणी मुखर्जी से नहीं मिला. पीटर मुखर्जी भी ये बात कह चुके हैं कि INX मीडिया का जो डेलिगेशन मिलने गया था उसमें इन्द्राणी मुखर्जी नहीं थी.
हाई कोर्ट में क्या बोले कपिल सिब्बल
कपिल सिब्बल ने हाई कोर्ट से कहा कि मेरी इस पंक्ति को पी चिदंबरम के बयान माना जाए. पी चिदंबरम ने कहा है कि उन्होंने कभी भी इन्द्राणी मुखर्जी से मुलाकात नहीं की. यहां तक कि सीबीआई कस्टडी के दौरान मुझसे कहा गया था कि पीटर हमसे मिले हैं इंद्राणी नहीं. ये खुद पीटर ने अपने बयान में ये कहा है. इसके अलावा विजिटर बुक भी चेक कर सकते है कि इंद्राणी से हमारी मुलाकात नहीं हुई है.
तुषार मेहता ने किए दस्तावेज पेश
वहीं सीबीआई की तरफ से पेश हुए तुषार मेहता ने कहा कि मार्च 2007 में पीटर मुखर्जी और इन्द्राणी मुखर्जी एक तीसरे व्यक्ति के साथ पी चिदंबरम से मिले थे, इन्द्राणी और पीटर मुखर्जी होटल ऑबरॉय में ठहरे थे और होटल की गाड़ी का ही इस्तेमाल आने जाने में किया गया. पी चिदंबरम की विजिटर डायरी के साथ छेड़छाड़ हुई है.
तुषार मेहता ने आगे कहा, 'हम सील बंद लिफाफे में कुछ दस्तावेज पेश कर रहे हैं जोकि ये दर्शाता है कि कंपनी के मालिक इन्द्राणी और पीटर मुखर्जी, FIPB में आवेदन देने से भी पहले पी चिदंबरम से मिले और उनसे कहा गया कि कार्ति चिदंबरम के व्यवसाय का ध्यान रखा जाए, कार्ति चिदंबरम की कंपनी को बिना किसी सेवा के ही भुगतान किया गया.'